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सोनिया ने मोदी पर निशाना साधा

नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद के शीतकालीन सत्र में बेवजह देरी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सोमवार को निशाना साधा और चेतावनी दी कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) सरकार ‘लोकतंत्र के मंदिर को बंद कर’ संवैधानिक जवाबदेही से नहीं भाग सकती। कांग्रेस कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा, वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में किए गए वादों को नहीं निभाने के बावजूद, वह लगातार ‘फर्जी वादे’ करते जा रहे हैं।

पार्टी के अगले अध्यक्ष के चुनाव की तिथि के निर्धारण के लिए यहां कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक हो रही है।

सोनिया ने अपने संबोधन में कहा, मोदी सरकार अपने घमंड में कमजोर आधार पर शीतकालीन सत्र में देरी कर भारतीय संसदीय लोकतंत्र पर काली छाया डाल रही है। मोदी सरकार अगर यह सोच रही है कि लोकतंत्र के मंदिर को बंद कर वह आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले संवैधानिक जिम्मेदारी से भाग जाएगी, तो वह भूल कर रही है।

उन्होंने कहा कि संसद ऐसा मंच है, जहां सवाल पूछे जाने चाहिए। ऊंची जगहों पर भ्रष्टाचार, मौजूदा मंत्रियों के लाभ के पद व संदिग्ध रक्षा सौदे पर प्रश्न पूछे जाने चाहिए।

सोनिया ने कहा, सरकार को इन सवालों के जवाब देने चाहिए, लेकिन गुजरात चुनाव के पहले इन सवाल-जवाब से बचने के लिए सरकार ने शीतकालीन सत्र नहीं कराने का विशेष तरीका अपनाया है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, प्रधानमंत्री के पास आधीरात को संसद में बिना तैयारी के और दोषपूर्ण वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) लागू कर खुशी मनाने का समय है, लेकिन उनके पास संसद का सामना करने का साहस नहीं है।

प्रधानमंत्री के चुनावी वादे और आर्थिक मोर्चे पर निशान साधते हुए सोनिया ने सरकार पर ‘कुछ लोगों के भाग्य बनाने और गरीबों के भविष्य को बर्बाद करने का आरोप लगाया।’

उन्होंने कहा, बेरोजगारी, महंगाई का बढ़ना, निर्यात में कमी और जीएसटी से लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। एक वर्ष पहले, नोटबंदी ने परेशान किसानों, छोटे व्यापारियों, गृहिणियों, दिहाड़ी मजदूरों के जख्मों पर नमक छिड़का। दबे-कुचलों और गरीबों के भविष्य को बर्बाद कर कुछ लोगों का भाग्य बनाया जा रहा है।

सोनिया ने कहा, इसके बावजूद प्रधानमंत्री बड़े ही जोश के साथ घोषणा, झूठे वादे करते हैं, जिनका जमीनी सच्चाई से कुछ लेना-देना नहीं है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के योगदान को जबरदस्ती बदलकर भारतीय आधुनिक इतिहास में बदलाव करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, स्कूलों की पाठ्यपुस्तकों को दोबारा लिखकर, दुर्भावनापूर्ण गलत सूचना, दुस्प्रचार या इंदिराजी की जन्मशती के महत्ता के तिरस्कार के साथ अनदेखी कर, यह सरकार आधुनिक भारत के इतिहास को बदलना चाहती है।

कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के लिए 18 माह चली लंबी चुनावी प्रक्रिया पर उन्होंने कहा,पूरी प्रक्रिया पार्टी के जड़ों की पुष्टि करती है।

सोनिया ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी कहने और देश को ‘कांग्रेस-मुक्त’ बनाने पर निशाना साधते हुए कहा, इससे पुष्टि होती है कि पार्टी की जड़ें देश के प्रत्येक जिलों में फैली हुई हैं और कोई भी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस पार्टी जैसी बहुलता और विविधता वाली पार्टी नहीं है।

उन्होंने राहुल गांधी और उनकी टीम को गुजरात विधानसभा चुनाव में उनके प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दी और उन्हें बेहतरीन प्रयास करने के लिए कहा।

सोनिया ने कहा, हम यह साबित करने का प्रयास करें कि लोगों को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता और वे सही निर्णय ले सकते हैं और वहां मौजूदा सरकार को हराया जा सकता है।

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