वसुंधरा सरकार का आदेश- मेले में जाकर स्कूली बच्चे जानें ‘लव जिहाद’ और ‘ईसाइयों की साजिश’
जयपुर। राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने शिक्षकों और छात्रों को जयपुर मेले में जरूर ले जाए। निर्देशों में कहा गया है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि ताकि वे मेले में लव जिहाद के बारे में सीख सकें, ईसाइयों के षडयंत्र की किताब खरीद सकें, शाकाहारी बनने की शपथ लें सकें।
मेला स्थल पर बच्चों और शिक्षकों को गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करने के लिए चलाए जा रहे अभियान पर साइन करने को भी कहा गया है। इसकी पुष्टि करते हुए जयपुर एडिशनल एडुकेशन ऑफिसर दीपक शुक्ला ने कहा कि मेले के आयोजनकर्ताओं की मदद के लिए राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों से मेले में बच्चों की उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कहा गया है।
यह भी पढ़ें : 17 साल बाद भारत की बेटी ने जीता विश्व सुन्दरी का ताज, जानें मानुषी छिल्लर की खास बातें
शुक्ला ने बताया कि यह निर्देश प्राइमरी एंड सेकेंडरी एडुकेशन मिनिस्टर वसुदेव देवनानी की ओर से दिए गए हैं। शुक्ला ने बताया कि इस मेले के आयोजनकर्ता हिंदू अध्यात्मिक और सेवा मेला ने खुद ही सरकारी और प्राइवेट स्कूलों से संपर्क किया था लेकिन स्कूलों का कहना था कि जब तक हमें आदेश नहीं मिलेंगे तब तक वे बच्चों और शिक्षकों को मेले में नहीं भेजेंग। इसलिए मंत्री जी के निर्देश दिए जाने के बाद अब आयोजनकर्ताओं की मदद हो पाएगी।
फिलहाल इस मामले में देवनानी के कार्यालय से संपर्क नहीं हो पाया है। वहीं, दीपक शुक्ला ने बताया कि आयोजनकर्ता चाहते हैं कि मेले में 2,100 शिक्षक शामिल हों इसलिए हमने सभी स्कूलों से दो या तीन शिक्षकों को इस मेले में भेजने के लिए कहा है।
मामले में जिला शिक्षा अधिकारी रतन सिंह ने कहा कि इस मेले में भाग लेना अनिवार्य नहीं है। इससे पहले भी संगठन और एनजीओ स्कूलों से संपर्क करते रहे हैं ताकि छात्रों को सीखने के लिए पर्याप्त
जगह मिल सके। 20 नवंबर को जयपुर में होने वाला यह पांच दिवसीय मेला तीसरी बार आयोजित
किया जा रहा है।
इस मेले का उद्देश्य है कि समाज के लिए सेवा करने वाले संगठनों को एक प्लेटफॉर्म मिल सके। इससे समाज सुधार के काम किए जा सके। मेले में विश्व हिंदू परिषद का भी एक स्टॉल लगेगा। इसमें लव जिहाद से बचने के लिए पेमप्लेट्स बांटे जाएंगे।
इन पेमप्लेट्स के अनुसार इसमें अभिनेता सैफ अली खान और आमिर खान का भी जिक्र किया गया है। इन्होंने हिंदू लड़कियों से शादी की। साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि दूसरा धर्म अपनाने से तो अच्छा है कि मर जाएं।