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यूपी के पत्रकारों ने गर्वनर से की मुलाकात, उठाया सुरक्षा का मुद्दा

लखनऊ। राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा दिवस के अवसर पर इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) के प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को यूपी के राज्यपाल राम नाइक से मुलाकात की। पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संसद द्वारा कानून बनाए जाने की अपनी प्रमुख मांग के साथ मिले इस 12 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व वरिष्ठ पत्रकार तथा आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. विक्रम राव ने किया।

आईएफडब्ल्यूजे के अध्यक्ष के. विक्रम राव

आईएफडब्ल्यूजे के अध्यक्ष के. विक्रम राव

प्रतिनिधि मंडल ने पत्रकारों को उनके कार्य क्षेत्र मे सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्यपाल से सार्थक प्रयास किए जाने की गुहार लगायी। देश और प्रदेश मे आए दिन पत्रकारों पर हो रहे जानलेवा हमलो और उस पर सरकारों द्वारा अपनाए जा रहे संवेदनहीन रवैये पर प्रतिनिधि मंडल ने क्षोभ जताया। अध्यक्ष विक्रम राव ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि बेहतर होगा कि हमारी संसद पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक कानून बनाये, जिससे पत्रकार निर्भय और निष्पक्षता पूर्वक अपना कार्य कर सके।

वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्रा ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में भारतीय दंड संहिता के अनुच्छेद 7 में बदलाव कर, पत्रकारों पर हमले को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाना चाहिए। यूपी मान्यता समिति के अध्यक्ष प्रांशु मिश्रा ने राज्यपाल को बताया कि पिछली सरकार में शाहजहांपुर के पत्रकार जागेन्द्र सिंह को जिंदा जला दिया गया था। जिसकी पैरवी कोर्ट में आईएफडब्ल्यूजे के विधि सलाहकार मुदित माथुर ने की थी।

पत्रकार शिवशंकर गोस्वामी ने बताया कि पाकिस्तान जैसे देश में भी पत्रकार सुरक्षा कानून लागू है, जिसके अंतर्गत पत्रकारों को कई सहूलियतें दी जाती है। पत्रकार शिव शरण सिंह ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि वह प्रदेश और देश में इस कानून को लागू करवाने की सार्थक पहल करेने में आईएफडब्ल्यूजे की मदद करें।

अध्यक्ष के. विक्रम राव ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है लेकिन अफसोस कि यहां पत्रकारों के लिए उतने अच्छे कानून नहीं हैं जितना कि लोकतंत्र का गला घोट रहे हमारे पड़ोसी पाकिस्तान और दुनिया के कई छोटे देशों मे लागू हैं।

प्रतिनिधि मंडल ने पत्रकारो को सरकार द्वारा पेंशन और जीवन-बीमा दिए जाने की भी मांग उठायी। उल्लेखनीय है कि आईएफडब्ल्यूजे के विधि सलाहकार अश्वनी दुबे ने इस ड्राफ्ट को बनाने में अहम् योगदान दिया।

ज्ञापन की सारी मांगों को राज्यपाल ने गंभीरतापूर्वक सुना और सकारात्मक कार्यवाही व मदद का आश्वासन भी दिया। राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि वह प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध करेंगे कि पत्रकारों की सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाए।

सोशल मीडिया सेल के प्रभारी के. विश्वदेव राव ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल में हसीब सिद्धीकी, विनय रस्तोगी, शिवशरण सिंह, आईएफडब्ल्यूजे के विधि सलाहकार मुदित माथुर, संतोष चतुर्वेदी, अजय श्रीवास्तव, रजत मिश्र और सुशील अवस्थी आदि भी शामिल रहे।

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