राष्ट्रीय

छिंदवाड़ा अस्पताल में चूहों से मरीज परेशान

छिंदवाड़ा, 14 नवंबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा जिला अस्पताल इन दिनों चूहों के आतंक को लेकर चर्चा में है। यहां चूहे मरीजों को काट रहे हैं। अस्पताल के विभिन्न वाडरें में चूहे पकड़ने के लिए पिंजरे रखे गए हैं। लेकिन मरीज और उनके परिजन इस बात से सशंकित रहते हैं कि कहीं चूहा न आ जाए।

जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे. एस. गोंगिया का कहना है, यह बात सही है कि पिछले दिनों एक चूहे ने मरीज को काट लिया था। उसके बाद चूहों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया गया है। हर वार्ड में चूहे पकड़ने के लिए पिंजरे रखे गए हैं।

अस्पताल में चूहों का आतंक होने की बात सामने आने पर विभिन्न संस्थाओं ने चूहे पकड़ने के लिए प्रबंधन को अपनी ओर से प्रस्ताव भी दिए हैं। इन प्रस्तावों में चूहों को पकड़ने के लिए तीन से 16 लाख रुपये तक का खर्च आने की बात कही गई है। डॉ. गोंगिया के अनुसार, इन प्रस्तावों पर अभी विचार नहीं किया गया है। स्वेच्छा से यह प्रस्ताव संस्थाओं ने दिए हैं।

बताया गया है कि अस्पताल परिसर के आसपास निर्माण कार्य चल रहा है, उसके बाद चूहों ने अस्पताल की ओर रुख किया है। वाडरें में चूहों का नजर आ जाना आम बात है। एक मरीज के परिजन का कहना है कि चूहा देखते ही डर लगने लगता है, क्योंकि अस्पताल तो इलाज कराने आए हैं, कहीं और बड़ी बीमारी लेकर न लौटना पड़े।

मरीज के परिजन के मुताबिक, जैसे ही चादर और कंबल हिलता है, सिहरन उठते हैं कि कहीं चूहा तो नहीं है। मगर कोई नजर नहीं आता, हाल यह होता है कि कई बार तो रात-रात भर नहीं सो पाते हैं।

डॉ. गोंगिया ने बताया, अस्पताल के किसी भी कोने में चूहा न रहे, इसे ध्यान में रखकर भंडारगृहों को खाली कराकर उनकी सफाई कराई जा रही है। इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि कहीं भी सामान जमा न रहे, जिससे चूहे वहां छुप सकें।

गोंगिया के अनुसार, अस्पताल परिसर में घूमने वाले चूहों का आकार ज्यादा बड़ा नहीं है। वे नाली आदि के सहारे अस्पताल तक पहुंचते हैं। उन्हें पकड़ने पर जोर दिया जा रहा है, साथ ही वह रास्ता भी खोजा जा रहा है, जिससे बिना किसी नुकसान के उनका खात्मा किया जा सके।

गौरतलब है कि लगभग दो साल पहले प्रदेश के सबसे बड़े इंदौर के महाराजा यशवंत राव अस्पताल में भी चूहों का आतंक था। चूहों के आतंक को खत्म करने के लिए इस सरकारी अस्पताल में विशेष अभियान चलाया गया था। इसके लिए आधुनिक तकनीक का भी सहारा लिया गया था। अस्पताल परिसर के गड्ढे भरे गए थे। उसके बाद एक-एक मंजिल को खाली कराकर गैस के सहारे चूहों पर लगाम लगाई गई थी।

राज्य के कई अन्य अस्पतालों में भी चूहों के आतंक की खबरें आती रहती हैं। राजधानी के हमीदिया अस्पताल में एक शव की आंख नोचे जाने की बात सामने आई थी। वहीं कई मरीजों को काटने के वाकये भी सामने आते रहते हैं।

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