आईएफएफआई जूरी के फैसलों में ‘सरकारी दखलंदाजी’ की निंदा
नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)| पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री व कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने मंगलवार को 48वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के फैसलों में ‘सरकारी दखलंदाजी’ की निंदा की। रिपोर्ट के मुताबिक, जूरी सदस्यों ने ‘सेक्सी दुर्गा’ और ‘न्यूड’ नाम की फिल्मों को इंडियन पैनोरमा सेक्शन में दिखाए जाने को कहा था, लेकिन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा अनुमोदित अंतिम सूची से दोनों फिल्मों को हटा दिया गया।
तिवारी ने ट्वीट किया, हास्यास्पद..सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आईएफएफआई-2017 से दो फिल्में हटा दीं। जूरी के फैसलों में दखल देना सरकार का एक नया निचला स्तर है। जब भाषण व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बचाव के लिए बना मंत्रालय ही इसकी हत्या करने लगे, तो यह समय रचनात्मक समुदाय के लिए इस बेतुकी सेंसरशिप के खिलाफ विद्रोह करने का है।
आईएफएफआई का इस महीने के अंत में गोवा में आयोजन होगा।
रवि जाधव की मराठी फिल्म ‘न्यूड’ और सनल ससिधरन की मलयालम फिल्म ‘सेक्सी दुर्गा’ उन 26 फिल्मों में शामिल थीं, जिन्हें इंडियन पैनोरमा सेक्शन में दिखाने की 13 सदस्यीय जूरी ने मंजूरी दी थी।
मंत्रालय के फैसले के बाद फिल्मकार सुजॉय घोष ने जूरी प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया है।
घोष ने इस्तीफे की पुष्टि आईएएनएस से की है लेकिन कहा, मैं फिलहाल ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।