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मप्र : आदि शंकराचार्य की प्रतिमा लगेगी, एकात्म यात्रा 19 दिसंबर से

भोपाल, 13 नवंबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के नर्मदा नदी के तट पर ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित की जानी है। इस प्रतिमा के आधार निर्माण के लिए हर गांव से मिट्टी लाने के मकसद से 19 दिसंबर से ‘आदि गुरु एकात्म यात्रा’ निकाली जाएगी। राज्य जन-अभियान परिषद के कार्यालय में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत को सांस्कृतिक रूप से एक बनाए रखने का श्रेय आदि गुरु शंकराचार्य को है। ओंकारेश्वर में उनकी विशाल प्रतिमा की स्थापना के लिए आदि गुरु एकात्म यात्रा 19 दिसंबर से निकलेगी।

पूरे 32 दिन तक चलने वाली इस यात्रा में हर गांव से कलश में उस गांव की मिट्टी लाई जाएगी। इस मिट्टी का उपयोग प्रतिमा के आधार निर्माण में किया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि प्रदेश के तीर्थ स्थल ओंकारेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य को गुरु मिले थे और यहीं पर उन्होंने नर्मदाष्टक की रचना की थी। यहीं से वे पूरे भारत को अद्वैतवाद का सिद्धांत बताने के लिए दिग्विजय यात्रा पर निकले थे। भारत को सांस्कृतिक रूप से एक रखने के लिए उन्होंने चार धामों की स्थापना की थी।

उन्होंने आगे कहा कि शंकराचार्य के सिद्धांतों को जन-जन के बीच पहुंचाने का काम यह यात्रा करेगी। उनकी विशाल प्रतिमा ओंकारेश्वर में स्थापित की जाएगी तथा उनके व्यक्तित्व और जीवन-दर्शन को प्रदर्शित करने वाली रचनाओं का निर्माण किया जाएगा। प्रतिमा निर्माण के लिए हर गांव सहयोगी बनेगा। चार अलग-अलग यात्राओं का नेतृत्व संतगण करेंगे। प्रतिमा निर्माण में गांव से लाए जाने वाले कलश की धातु का भी उपयोग किया जाएगा।

बैठक में बताया गया कि यात्रा के स्वरूप को अंतिम रूप दिया गया। यह यात्रा अगले महीने 19 दिसंबर से शुरू होकर 22 जनवरी तक चलेगी। यात्रा के प्रभारी तय कर दिए गए हैं।

बैठक में राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष शिव चौबे, जन-अभियान परिषद के उपाध्यक्ष राघवेंद्र गौतम और प्रदीप पांडे तथा सभी जिला समन्वयक उपस्थित थे।

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