भारत ने हमेशा शांति, सौहार्द को बढ़ावा दिया : योगी
लखनऊ, 11 नवंबर (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत ने मानव कल्याण की पैरोकारी के लिए हमेशा शांति और सौहार्द को बढ़ावा देने का काम किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को यहां सिटी मांटेसरी स्कूल में आयोजित विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 18वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने न्यायाधीशों का स्वागत करते हुए कहा, आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। बच्चों, महिलाओं एवं भावी पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण और शांतिपूर्ण माहौल उपलब्ध कराना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। हम सभी को मिलकर यह प्रयास करने होंगे, जिससे आने वाली पीढ़ी को एक ऐसी विरासत सौंप सकें, जिसमें वे शांति, एकता और सद्भाव के साथ रहकर निजी और सामाजिक प्रगति कर सकें।
योगी ने कहा, भारतीय संस्कृति की ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की परंपरा को अपनाकर सभी को स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुलभ कराने के साथ ही, वर्तमान समय में विश्वभर में व्याप्त अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, परमाणु हथियारों के भंडार, राष्ट्रों व नागरिकों के बीच मतभेद जैसी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। विश्व के सभी राष्ट्रों को इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करना होगा। साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय विवादों को मध्यस्थता द्वारा समाधान ढूंढने के प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा, प्रदेश सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने और लोगों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा सभी वर्गो को सुलभ एवं सस्ता न्याय दिलाने एवं महिलाओं, बच्चों, वृद्धजनों, मजदूरों आदि को मानवीय गरिमा के अनुरूप जीवन जीने के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने न्याय व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं।
सम्मेलन में गुयाना के उप राष्ट्रपति खेमराज रामजतन, तुवालू के गवर्नर जनरल इकोबा टी। इटालेली, क्रोशिया के पूर्व राष्ट्रपति स्तेपान मैसिक, लिसोथो के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. पकलिथा बिथुएल मोसीसिली, मॉरीशस की राष्ट्रीय संसद की स्पीकर शांतिबाई हनुमानजी, श्रीलंका के सबरागामूवा प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री महीपाल हर्थ, नीदरलैंड के इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के न्यायाधीश इबोई-आसुजी एवं एंटोनी केसीया-एमबी माइंडुआ सहित विभिन्न देशों के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश तथा कानूनविद् भाग ले रहे हैं।