अन्तर्राष्ट्रीय

शी, ट्रंप ने उत्तर कोरियाई संकट पर चर्चा की

बीजिंग, 9 नवंबर (आईएएनएस)| चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वार्ता की। इस दौरान दोनों के बीच उत्तर कोरिया द्वारा पैदा किए जा रहे परमाणु संकट पर भी चर्चा हुई।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, दोनों नेताओं की मुलाकात बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में हुई।

इस दौरान शी ने बिगड़ रही स्थिति पर सहयोग और समन्वय बैठाने का वादा किया, जबकि ट्रंप ने कहा कि चन के पास इस समस्या का समाधान है।

ट्रंप ने शी को बताया, आज सुबह आपके प्रतिनिधियों और हमारे प्रतिनिधियों के बीच बैठक बेहतरीन रही। इस दौरान उत्तर कोरिया के मुद्दे पर चर्चा हुई और मेरा विश्वास है कि इस समस्या का समाधना है, जैसा कि आपको भी लगता है.

चीन के तीन दिवसीय दौरे पर बीजिंग पहुंचे ट्रंप ने कहा, हमारे पास आगामी वर्षो में वैश्विक समस्याओं को सुलझाने की क्षमता है।

इसके जवाब में शी ने कहा, चीन सहयोग बढ़ाने और आपसी लाभ के लिए मतभेदों को भुलाने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच उत्तर कोरिया परमाणु मुद्दे और अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए और समन्वय व सहयोग की भावना है।

शी ने कहा, मौजूदा समय में चीन और अमेरिका संबंध नए प्रारंभिक बिंदु पर हैं।

उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण और सितंबर में सर्वाधिक शक्तिशाली हाइड्रोजन परीक्षण के बाद से अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव बढ़ा है।

अमेरिका चाहता है कि चीन उसके गठबंधन में अधिक योगदान दे, लेकिन चीन का दोटूक कहना है कि वह संकट पैदा करने वाला नहीं है और इस संकट को सुलझाने के लिए उसके पास सीमित क्षमता है।

इस बार शक्ति के समीकरण बदले हैं, क्योंकि शी अधिक शक्तिशाली हो गए हैं और चीन में उनका कद बढ़ा है, जबकि ट्रंप की अमेरिका में लोकप्रियता को झटका लगा है।

ट्रंप बीजिंग में बिजनेस फोरम की अध्यक्षता करेंगे और ग्रेट हॉल ऑफ दी पीपुल में दोनों के बीच कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे।

ट्रंप चीन की तीन दिवसीय यात्रा पर बुधवार को बीजिंग पहुंचे थे। उनकी पांच एशियाई देशों की यात्रा में जापान और दक्षिण कोरिया के बाद यह उनका तीसरा पड़ाव है।

यह ट्रंप का राष्ट्रपति के रूप में चीन का पहला दौरा है और यह इस साल शी के साथ उनकी तीसरी बैठक है।

दोनों नेताओं के बीच चीन के साथ अमेरिका के व्यापारिक घाटे पर भी चर्चा हो सकती है।

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