आग से जान बचाकर भाग रहे हाथियों की तस्वीर ने जीता फोटोग्राफी अवॉर्ड
बांकुरा। पटाखों और आग के गोलों से बचकर भागते हाथी और उसके बच्चे की एक तस्वीर ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। शायद आपने भी यह फोटो अपने फेसबुक-ट्विटर की टाइमलाइन पर देखी हो।
यह तस्वीर पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले की है और इसे खींचने वाले फोटोग्रॉफी विप्लव हाजरा को इस साल का सैंक्चुअरी वाइल्डलाइफ फोटोग्रॉफी अवॉर्ड मिला है।
फोटोग्राफर विप्लव हाजरा ने इसे ‘हेल इज हेयर’ यानी ‘नर्क यहीं है’ टाइटल दिया है। इस फोटो में हाथी का बच्चा और उसकी मां भीड़ द्वारा फेंके जा रहे जलते टायर बॉल्स की चपेट में आ गए। इस तस्वीर को शीर्ष अवॉर्ड देते हुए सैंक्चुरी मैग्जीन ने कहा, “इस तरह का अपमान… आम बात सी है।”
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हाजरा ने बताया कि हाथियों के चिल्लाते हुए यह तस्वीर तब ली थी जब उनपर पटाखे और आग के गोले फेंके जा रहे थे। उन्होंने कहा कि इस इलाके में हाथियों और आम लोगों के बीच संघर्ष की खबर आती रहती है। यहां ये हाथी पहले कई सालों से घूमते रहते हैं लेकिन अब हालात बहुत खराब होने लगे हैं।
पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ सैंक्चुअरी नेचर फाउंडेशन हर साल यह वाइल्डलाइफ फोटोग्रॉफी का अवॉर्ड देता है। फाउंडेशन ने कहा कि असम, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में के कई हिस्सों में भी हाथियों को ऐसे ही प्रताडि़त किया जाता है।