ओरल सेक्स क्रूरता है या नहीं, गुजरात हाईकोर्ट इस पर लेगी फैसला
नई दिल्ली। गुजरात हाईकोर्ट आज बेहद अहम मामले पर अपन फैसला देगा। सवाल यह है कि एक पत्नी को ओरल सेक्स के लिए मजबूर करना वैवाहिक जीवन में क्रूरता के बराबर है या नहीं।
कोर्ट यह भी फैसला करेगा कि क्या ऐसे मामलों में पति पर ट्रायल किया जा सकता है या नहीं। जस्टिस जेबी परडीवाला ने सोमवार को राज्य सरकार से इस मामले पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने उस महिला को भी नोटिस जारी किया है। इसने ओरल सेक्स के लिए दबाव डालने के लिए अपने पति के खिलाफ साबरकांठा में एफआईआर दर्ज कराई है।
इस महिला के पति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और अपने खिलाफ लगे रेप और यौन उत्पीड़न के आरोपों को बर्खास्त करने की मांग की है। उसका कहना है कि चूंकि दोनों विवाहित हैं तो शारीरिक संबंधों के किसी एक पक्ष को रेप या सोडोमी नहीं माना जा सकता है।
मैरिटल रेप जैसे गंभीर मुद्दे पर बात करते हुए जस्टिस परडीवाला ने कहा- भारत में मैरिटल रेप अस्तित्व में है। यह एक घृणास्पद अपराध है जिसने शादी जैसी संस्था में भरोसे और विश्वास को तोड़ा है। महिलाओं की एक बड़ी आबादी मैरिटल रेप के गैर-अपराधिक कृत्य की श्रेणी में होने का दंश झेल रही है।