दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ा, कई जगहों पर हालत बेहद गंभीर
नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)| पंजाब और हरियाणा में लगातार फसलों के अवशेष जलाने के कारण वहां से आने वाली हवाओं ने सोमवार को दिल्ली और एनसीआर की वायु गुणवत्ता को और जहरीला बना दिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, उत्तरी दिल्ली के दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू), केंद्रीय दिल्ली के आईटीओ, पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार और गाजियाबाद व नोएडा के कुछ इलाकों में हवा की गुणवत्ता का सूचकांक सोमवार को 2 बजे ‘गंभीर’ दर्ज किया गया।
दिल्ली में औसत पीएम 2.5 दिल्ली में दोपहर के वक्त सामान्य से 14 गुणा अधिक पाया गया। दिल्ली में दोपहर के वक्त हवा की गुणवत्ता का स्तर एक्यूआई 358 दर्ज किया गया जिसे बेहद खराब माना जाता है।
दिल्ली में, डीटीयू में दोपहर 2 बजे एक्यूआई 421 दर्ज किया गया जहां पीएम 2.5 का स्तर सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे के बीच 335 से 500 के बीच झूलता रहा।
राष्ट्रीय राजधानी के केंद्रीय दिल्ली में स्थित पूसा में पीएम 2.5 का स्तर सबसे कम पाया गया। यहां पर एक्यूआई का औसत स्तर 117 दर्ज किया गया। यह सुरक्षित सीमा से 4 गुणा अधिक था। इसे खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
आईटीओ पर 2 बजे तक एक्यूआई 403 था। यहां पीएम 2.5 का स्तर सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक 307 से 500 के बीच रहा। आनंद विहार में एक्यूआई 427 रहा जहां पीएम 2.5 का स्तर 307 से 500 के बीच रहा। गाजियाबाद के वसुंधरा में एक्यूआई 444 के साथ पीएम 2.5 का स्तर 316 से 500 के बीच रहा और नोएडा के सेक्टर 125 में एक्यूआई 420 के साथ पीएम2.5 का स्तर 318 से 500 के बीच रहा।
भारतीय मानकों के लिए पीएम 2.5 के लिए सुरक्षित सीमा प्रति क्यूबिक मीटर पर 60 माइक्रोग्राम है। जबकि अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर यह प्रति क्यूबिक मीटर पर 25 माइक्रोग्राम है।
दिल्ली के अन्य 13 निगरानी केंद्रो द्वारा प्राप्त किये गए सीपीसीबी के आंकड़ों में एक्यूआई का स्तर आया नगर में 304 और पंजाबी बाग में 396 दर्ज किया है जिसे ‘बहुत खराब’ कहा गया है।
निजी मौसम पूर्वानुमानकर्ता कंपनी स्काइमेट के निदेशक महेश पलावत ने आईएएनएस को बताया, फिलहाल पंजाब और हरियाणा से आने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण यह कम से कम अगले दो दिनों तक ऐसे ही जारी रहेगा।