भूटान के नन्हे प्रिंस का पुनर्जन्म, पिछले जन्म की बातें सुना कर रहा सम्मोहित
नई दिल्ली। भारत दौरे पर आए भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल के सुपुत्र और भूटान के राजकुमार जिग्मे नामग्याल वांगचुक देश के शीर्ष नेताओं का दिल जीत रहे हैं। पीएम मोदी, राष्ट्रपति और विदेश मंत्री का अपनी मासूमियत से मन मोह लेने वाले भूटान के इस नन्हें प्रिंस को दरअसल एक शिक्षाविद विरोचना का पुनर्जन्म माना
जाता है।
जिग्मे वांगचुक एक साल की उम्र से ही प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के नाम का उच्चारण करता रहा है। पहले तो यह किसी को समझ में नहीं आया, लेकिन जब वो बड़ा हुआ तो उसने बताया कि पिछले जन्म में उसने यहां पढ़ाई की है, यह सुनना सभी के लिए काफी आश्चर्यजनक अनुभव था। इतना ही नहीं उसने 8वीं शताब्दी के बारे में सारी बातों की भी जानकारी दी थी।
वैसे भी भूटान में पुनर्जन्म को लेकर मान्यताएं बहुत मजबूत हैं और यह भी माना जाता है कि पूर्वजन्म में जिग्मे का सारनाथ से गहरा नाता रहा। इसी सिलसिले में उसे लेकर भूटान की रानी आशी दोरजी वांग्मो वांगचुक अपनी मां के साथ इस साल की शुरुआत में ही नालंदा आईं थीं।
इसके बाद उसे नालंदा विश्वविद्यालय घुमाने लाया गया। उस समय नालंदा के पुलिस अधीक्षक ने कहा था- तीन साल के बच्चे ने नालंदा विश्वविद्यालय से पूर्व जन्म से संबंधित यादों को लेकर जिस तरह से जानकारी दी वह आश्चर्यजनक हैं।