पत्रकारों पर हमले को संज्ञेय अपराध में रखा जाए : के. विक्रम राव
लखनऊ। आईएफडब्ल्यूजे (IFWJ) के 68 वें स्थापना दिवस पर शनिवार को यूपी प्रेस क्लब में पत्रकारों ने जश्न मनाया। लखनऊ श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने आईएफडब्ल्यूजे (IFWJ) के 68वें स्थापना दिवस के अवसर पर यूपी प्रेस क्लब ने कार्यक्रम आयोजित किया था।
यूपी के विभिन्न जिलों से आए पत्रकारों ने संगठन की उपलब्धियों और संगठन की ओर से उनपर होने वाले उत्पीड़न और हमलों जैसे मसलों को लेकर हमेशा संघर्षशील रहने की बात कही।
स्थापना दिवस के अवसर पर मौजूद आईएफडब्ल्यूजे (IFWJ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के विक्रम राव ने कहा की आईएफडब्ल्यूजे (IFWJ) का जन्म 28 अक्टूबर 1950 को जंतर–मंतर पर हुआ था।
इस संगठन के सदस्य सिर्फ़ श्रमजीवी पत्रकार हो सकते हैं। उन्होंने बताया की आईएफडब्ल्यूजे (IFWJ) का गौरवशाली इतिहास है। इसके सदस्य के रामा राव (नेशनल हेराल्ड), चेलपति राव जैसे दिग्गज पत्रकार रह चुके हैं|
विक्रम राव ने कहा कि देश और प्रदेश में पिछले एक दशक में पत्रकारों पर हमलों की कई घटनाएं हो चुकी हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया की दंड संहिता की धारा 7 में संशोधन कर, पत्रकारों पर हमले को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाना चाहिए।
सभा में मौजूद आईएफडब्ल्यूजे (IFWJ) के विधि सलाहकार मुदित माथुर, उत्तर प्रदेश मान्यता समिति के अध्यक्ष प्रांशु मिश्रा वरिष्ठ पत्रकार विजय उपाध्याय, शिव शरण सिंह ने सरकार से आग्रह किया की आईएफडब्ल्यूजे (IFWJ) की मुहिम “पत्रकार सुरक्षा कानून” को जल्द लागू किया जाए। सभा में सभी पत्रकारों ने टोल टैक्स में छूट और आवास सम्बंधित मुद्दों पर भी चर्चा की।
इस अवसर पर यूपी इकाई के सचिव जोखू तिवारी, रजत मिश्रा, अंकित श्रीवास्तव, अशोक मिश्रा, नितिन, शिव विजय सिंह, जावेद काजिम एवं अन्य मौजूद थे।