अब सिर्फ RO के जल से होगा महाकाल का अभिषेक : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध महाकाल मंदिर में स्थापित शिवलिंग में हो रहे क्षरण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अब मंदिर प्रशासन को आठ सुझावों पर अमल करने के लिए हरी झंडी दे दी है, जिनमें शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले जल की मात्रा तय करना और सिर्फ आरओ से शुद्ध किया जल चढ़ाया जाना शामिल हैं।
बता दें कि इसके लिए कोर्ट ने पानी की मात्रा भी तय कर दी है। अब से सभी शिवभक्त केवल आधा लीटर पानी ही अपने साथ ले जा सकेंगे। साथ ही दुग्धाभिषेक के लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने 1.25 लीटर की मात्रा तय कर दी है। इससे ज्यादा दूध से अभिषेक नहीं हो सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि मंदिर प्रबंधन क्षरण रोकने के लिए जो उपाय कर रहा है वो संतोषजनक है। वैसे सर्वोच्च न्यायालय ने जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक को लेकर निर्देश दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई अब 30 नवंबर को होगी। ज्ञात हो कि महाकाल शिवलिंग के क्षरण को लेकर दायर याचिका पर लगातार बहस चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रशासन को कुल मिलाकर निम्नलिखित सुझावों पर अमल करने के लिए कहा है।
1 श्रद्धालु 500 मिलीलिटर से ज्यादा जल नहीं चढ़ाएंगे।
2 चढ़ाया जाने वाला जल सिर्फ RO का होगा।
3 भस्म आरती के दौरान शिवलिंग को सूखे सूती कपड़े से पूरी तरह ढका जाएगा। अभी तक सिर्फ 15दिन के लिए शिवलिंग को आधा ढका जाता था।
4 अभिषेक के लिए हर श्रद्धालु को निश्चित मात्रा में दूध या पंचामृत चढ़ाने की इजाज़त होगी।
5 शिवलिंग पर चीनी पाउडर लगाने की इजाज़त नहीं होगी, बल्कि खांडसारी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा।
6 नमी से बचाने के लिए ड्रायर व पंखे लगाए जाएंगे और बेलपत्र व फूल-पत्ती शिवलिंग के ऊपरी भाग में चढ़ेंगे, ताकि शिवलिंग के पत्थर को प्राकृतिक सांस लेने में कोई दिक्कत न हो।
7 शाम 5 बजे के बाद अभिषेक पूरा होने पर शिवलिंग की पूरी सफाई होगी और इसके बाद सिर्फ सूखी पूजा होगी।
8 अभी तक सीवर के लिए चल रही तकनीक आगे भी चलती रहेगी, क्योंकि सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनने में एक साल लगेगा।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पिछले दिनों पुरातत्व विभाग, भूवैज्ञानिकों व अन्य विशेषज्ञों की टीम ने महाकाल का दौरा कर शिवलिंग, पानी, फूल, दूध सहित तमाम पहलुओं की जानकारी जुटाई थी। क्या थी याचिका? ये तो सभी जानते हैं उज्जैन के महाकाल मंदिर में करोड़ों भक्त पहुंचते हैं।
शिवलिंग पर लगातार जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और फलों के रस से अभिषेक सहित कई तरह के अभिषेक होते हैं। इसके लिए बड़ी मात्रा में छोटी-बड़ी फूल मालाएं, हार, धतूरे चढ़ते हैं। ऐसे में शिवलिंग के क्षरण की बात सामने आई। शिवलिंग को नुकसान से बचाने के लिए उज्जैन की सामाजिक कार्यकर्ता सारिका गुरु ने भक्तों को गर्भ गृह में प्रवेश और शिवलिंग को स्पर्श करने पर आपत्ति जताते हुए याचिका दायर की थी।