रोहिंग्या संकट का रचनात्मक हल निकालने करने की जरूरत : जयशंकर
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)| विदेश सचिव एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि म्यांमार में सैन्य हिसा के बाद उभरे रोहिंग्या शरणार्थी संकट का हल अधिक ‘रचनात्मक और व्यावहारिक’ तरीके से निकालने की जरूरत है।
जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा, रोहिग्या मुद्दा चिंता का विषय है। जयशंकर ने यह बात कानेर्गी इंडिया द्वारा आयोजित ‘बंगाल की खाड़ी से संपर्क : भारत, जापान और क्षेत्रीय सहयोग’ विषयक सम्मेलन में कही।
उन्होंने कहा, हमारा मकसद यह देखना है कि वे कैसे वापस जा सकते हैं (म्यांमार)। बेहतर होगा कि कठोर निंदा के बजाय इस मुद्दे का हल रचनात्मक और व्यावहारिक तरीके से निकाला जाए।
बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, म्यांमार के राखाइन में सुरक्षा बलों पर बार-बार हमले के बाद सैन्य बलों ने अल्पसंख्यक रोहिंग्या समुदाय पर हिंसक कार्रवाई की थी। इस कृत्य महज कुछ लोगों ने किया, लेकिन हजारों निर्दोष लोगों को वहां से जान बचाकर भागना पड़ा। 25 अगस्त से अब तक 604,000 रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश में प्रवेश पा चुके हैं। भारत सरकार को हालांकि इनसे परहेज है।
म्यांमार ने रोहिंग्या लोगों से नागरिकता छीन ली है और बांग्लादेश ने उन्हें शरणार्थी का दर्जा दिया है।
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को अपने बांग्लादेश दौरे के दौरान कहा था कि भारत राखाइन राज्य में हुई हिंसा को लेकर ‘गंभीर रूप से चिंतित’ है।