देहरादून: टीकाकरण अभियान पर चली मीडिया कार्यशाला
देहरादून, (उत्तराखंड) | स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा टीकाकरण तकनीकी इकाई के प्रमुख विकास साझेदारों के सहयोग से गुरुवार को देहरादून में खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान पर पत्रकारों के साथ एक मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के उपायुक्त डॉ. प्रदीप हल्दर ने कहा, ‘टीकाकरण बच्चों के जीवन एवं भविष्य को सुरक्षित रखने का सबसे प्रभावी और किफायती तरीका है। संपूर्ण टीकाकरण द्वारा हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि हर बच्चे को जीवन रक्षक टीकों के फायदे मिले।”
डॉ. हल्दर की कार्यशाला की अध्यक्षता में हुई इस कार्यशाला में शिरकत करने वाले अन्य दिग्गजों में शामिल थे- डॉ. अर्चना श्रीवास्तव (उत्तराखंड सरकार की स्वास्थ्य निदेशक), नेशनल हेल्थ मिशन के मिशन निदेशक चंद्रेश कुमार, डॉ. भारती राणा और राज्य टीकाकरण अधिकारी, जिन्होंने राज्य में लॉन्च किए जाने वाले खसरा रूबेला अभियान का विवरण दिया। यह अभियान 13 जिलों के 28,35,658 बच्चों को कवर करेगा।
दुनिया भर में अब तक का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान 9 महीने से लेकर 15 साल की उम्र तक के तकरीबन 41 करोड़ बच्चों को कवर करेगा। अभियान के दौरान बच्चों को मीजल्स रूबेला (एमआर) टीकाकरण की एक खुराक दी जाएगी। अभियान के बाद एमआर टीका नियमित टीकाकरण का एक भाग बन जाएगा, जो खसरे यानि मीजल्स के टीके को प्रतिस्थापित कर देगा। वर्तमान में 9-12 माह तथा 16-24 माह की उम्र में बच्चों को दिया जाता है।
यूनिसेफ इंडिया की सोनिया सरकार ने कहा, “पोलियो के खिलाफ लड़ाई में मीडिया हमारा पुराना साझेदार रहा है। हम एक बार फिर से आपसे सहयोग की अपेक्षा रखते हैं, ताकि हर बच्चा, चाहे वह कहीं पर भी होए उसे संपूर्ण टीकाकरण मिल सके। टीकाकरण न केवल एक बच्चे की जिंदगी बचाता है, बल्कि हमारे स्वस्थ एवं उत्पादक भविष्य को भी सुनिश्चित करता है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप का सबसे लागत-प्रभावी तरीका है।”