गुजरात चुनाव 9, 14 दिसंबर को
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस) हिमाचल विधानसभा चुनाव के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा नहीं करने पर आलोचना झेल रहे चुनाव आयोग ने आखिरकार गुजरात चुनाव की घोषणा कर दी और कहा कि इसकी देरी का उद्देश्य गुजरात में आए प्रलयंकारी बाढ़ के बाद राहत और पुनर्निर्माण कार्य को बाधित नहीं करना था। यहां नौ और 14 दिसंबर को चुनाव होंगे और इसके नतीजे 18 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ए.के. जोति ने चुनाव तिथियों की घोषणा करते हुए कहा चुनाव की घोषणा में देरी पर चुनाव पैनल की स्वतंत्रता व निष्पक्षता पर सवाल नहीं उठाने चाहिए। यह देरी उत्तर गुजरात में बाढ़ की स्थिति की वजह से हुई।
आयोग ने इससे पहले घोषणा की थी कि 182- सदस्यीय गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम 68-सदस्यीय हिमाचल विधानसभा चुनाव के परिणाम के साथ 18 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 19 जिलों के 89 विधानसभा क्षेत्रों के लिए नामांकन भरने की शुरुआत 14 नवंबर से होगी और इसकी अंतिम तिथि 21 नवंबर होगी। नामांकन की जांच उसके अगले दिन होगी और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 24 नवंबर होगी।
वहीं दूसरे चरण में 14 जिलों के 93 विधानसभा क्षेत्रों में 20 नवंबर से नामांकन भरे जा सकेंगे और नामांकन भरने की अंतिम तिथि 27 नवंबर है। नामांकन की जांच अगले दिन होगी और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 30 नवंबर निर्धारित की गई है।
भाजपा शासित गुजरात में चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा के बाद से ही आचार संहिता लागू हो गई जिसके अंतर्गत सरकार नीतिगत फैसले और नई परियोजनओं की घोषणा नहीं कर सकती है।
जोति से लगातार विपक्ष के आरोप ‘गुजरात चुनाव के तिथियों की घोषणा में देरी की वजह वहां राज्य और केंद्र सरकार को और घोषणाओं के लिए वक्त देना’ से संबंधित प्रश्न पूछे गए।
उन्होंने कहा कि लगातार बारिश और बाढ़ से घोषणा करने में देरी की गई, क्योंकि आयोग यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि किसी भी हालत में पुनर्निर्माण कार्यो में रुकावट पैदा न हो।
उन्होंने कहा, बारिश और बाढ़ की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अहमदाबाद समेत उत्तर गुजरात के सात जिले इससे प्रभावित थे और यहां 229 लोगों को अपनी जान से हाथ गंवाना पड़ा। यह छोटी संख्या नहीं है। यह बाढ़ की गंभीरता को दिखाता है। इसलिए देरी के लिए किसी के साथ मिलीभगत का कोई सवाल ही नहीं है।
जोति ने कहा, आयोग हमेशा मौजूदा स्थितियों पर फैसला लेता है जोकि स्थिर नहीं है, गतिशील है। आयोग पर लगाया गया यह आरोप कि आयोग ने अपनी निष्पक्षता खो दी है, यह स्वीकार्य नहीं है। हिमाचल प्रदेश सरकार के लिए भी नई परियोजनाओं की घोषणाओं के लिए 11 अक्टूबर तक का समय था।
हिमाचल प्रदेश चुनाव की घोषणा 12 अक्टूबर को की गई थी और वहां नौ नवंबर को वोट डाले जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद विपक्षी पार्टियां चुनाव पैनल पर जमकर बरसी थी। विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया था कि गुजरात में भाजपा सरकार और नरेंद्र मोदी को चुनावी वादों के लिए समय देने के लिए चुनाव के घोषणा में देरी की जा रही है।
प्रधानमंत्री ने हिमाचल चुनाव की घोषणा के बाद दो बार गुजरात दौरा किया । इस दौरान उन्होंने मतदाताओं को लुभाने के लिए 3600 करोड़ रुपये की परियोजनओं के लांच की घोषणा की।
जोति ने कहा, चुनाव की तिथि की अलग से घोषणा बाढ़ की स्थिति की वजह से है और कोई विशेष कारण नहीं है।
गुजरात में कुल मतदाताओं की संख्या 4.33 करोड़ है। पिछले चुनाव में यहां मतदाताओं की संख्या 4.27 करोड़ थी। पिछले चुनाव के 44,579 मतदान केंद्र के मुकाबले इस बार 50,128 मतदाता केंद्र बनाए जाएंगे।
सभी मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन के साथ वीवीपैट लगाए जाएंगे ताकि मतदाता यह देख सके कि उसने किस उम्मीदवार और चिह्न् को वोट दिया है।
जोति ने कहा, आयोग ने पहले ही सुचारु चुनाव के लिए पर्याप्त मात्रा में वीवीपैट और ईवीएम का इंतजाम कर लिया है।