ये हैं रियल के बजरंगी भाईजान, इन्होंने किया ऐसा काम की आप भी करेंगे सलाम
देहरादून। अभी हाल में ही कुछ दिनों पहले आई थी फिल्म बजरंगी भाईजान में सलमान खान के किरदार सरहद पार फंसी बच्ची को उसने घर तक सकुशल वापस पहुंचाने की जिम्मेदारी लेता है। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर काफी सफल भी रही थी। वैसे ही अगर हम आपको कोई ऐसी एक खबर सुनाए तो क्या आपको यकीन हो शायद बड़ा मुश्किल है पर यह सच है यह कहानी पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग में जन्मे एक शख्स की।
गिरीश पंत ने 500 से ज्यादा भारतीयों की कर चुके हैं मदद
बजरंगी भाईजान की तरह ही दुबई, शारजाह, कतर जैसे देशों से लगभग 500 लोगों को सरहद पार करवा अपने घर भिजवा चुके इस शख्स का नाम है गिरीश पंत। सहारे की तलाश और अपने देश वापस लौटने की चाह में भटक रहे सैकड़ों लोगों के लिए गिरीश पंत भगवान से कम नहीं हैं। गिरीश इस समय दुबई की एक निजी कंपनी में काम करते हैं।
पिछले 6 सालों से वह दुबई में ही अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। घर में पत्नी और बच्चे हैं जबकि माता-पिता और भाई दिल्ली में रहते हैं। आपको बता दें कि गिरीश पंत के पिता समाजसेवी हैं। लिहाजा पिता के नक्शेकदम पर ही वह चल रहे हैं। दुबई में काम करने वाले गिरीश पंत अपने काम के साथ-साथ लोगों की मदद भी करते हैं।
बता दें कि यह बात लगभग 6 साल पुरानी है, जब पहली बार दुबई में रहते हुए गिरीश पंत के पास भारत के ही रहने वाले एक व्यक्ति का कॉल आया। उस शख्स ने गिरीश को अपनी समस्या बताई कि उसका पासपोर्ट कंपनी ने जब्त कर लिया है और उसे भारत वापस जाने नहीं दे रहे हैं। इतना ही नहीं उसकी तनख्वाह और बाकी पैसे भी कंपनी उसे नहीं दे रही है। भारत सरकार से परिवार ने गुहार लगाई थी लेकिन उस वक्त कुछ नहीं हो पाया। इसके बाद पंत ने ढेर सारे प्रयास किये और लंबे समय के बाद गिरीश उस व्यक्ति को भारत भेजने में सफल रहे।
ऐसे धीरे-धीरे गिरीश पंत समस्या में घिरे कई लोगों की मदद करते चले गए। आज आलम ये है कि दुबई सहित दूसरे अरब देशों में अगर कोई व्यक्ति कंपनी के शोषण का शिकार होता है तो वह सबसे पहले गिरीश पंत से संपर्क करने की कोशिश करता है, और गिरीश पंत उसकी हर हाल में मदद करते हैं।
तुरन्त पहुंचते हैं लोगों की मदद के लिये
गिरीश पंत बताते हैं कि कई बार उनके सामने इस तरह के केस आते हैं कि लोगों को ना केवल मारा पीटा जाता है बल्कि उनके साथ जानवरों जैसा बर्ताव भी किया जाता है। उन्हें जैसे ही इस बात की खबर लगती है वह फौरन लोगों की मदद करने के लिए पहुंच जाते हैं। गिरीश पंत अबतक 500 से ज्यादा लोगों को भारत और दूसरे जगहों पर भेज चुके हैं।
वैसे इस काम को करने में उन्हें कई बार तकलीफ का सामना भी करना पड़ता है। हर देश के अलग कानून हैं, ऐसे में वहां के कानूनों का ख्याल भी रखना पड़ता है। गिरीश के पास कई बार दुबई से 200 या 250 किलोमीटर दूर से फोन आते हैं और फोन करने वाले कई बार यह कहते हैं कि उनको खाने तक के लिए नहीं दिया जा रहा है। फंसे हुए लोगों को वह दुबई के प्रशासन और भारत की एम्बेसी से संपर्क करके किसी तरह से वहां से निकालते हैं।
गिरीश अपना पैसा खर्च कर लोगों को भेजते हैं घर
बता दें कि सैकड़ों लोगों को वो अपनी जेब से पैसे खर्च करके उनके घर भेजते हैं। गिरीश कहते हैं कि कई बार उन्हें ऐसा करने से नुकसान भी हुआ है। कई बार कई लोग हजारों रुपये के टिकट लेकर ये कहते हैं कि वो भारत पहुंचकर पैसा भिजवा देंगे लेकिन ना तो पैसा मिलता है और ना ही उनका कोई कॉल आता है। फिर भी ये सज्जन लोगों की मदद करते हैं और कहते हैं कि उनको लोगों की मदद करने से अच्छा लगता है और यही नहीं इस काम में उनकी पत्नी व पूरा परिवार साथ देता है।
गिरीश ने दुबई से कई महिलाओं को भी रेस्क्यू किया है। कई बार भारत और दूसरी जगहों पर काम करने के लिए आने वाली महिलाएं भी कई तरह की मुसीबतों में फंस जाती हैं, उन्हें भी गिरीश कानून के सहारे सकुशल घर पहुंचवाते हैं।
एक मध्यम परिवार से आते हैं गिरीश
आपको जानकारी के लिए बता दें कि ऐसा नहीं है कि गिरीश किसी बड़े घराने से हैं। गिरीश के पिता ने परिवार का पालन—पोषण सब्जी बेचकर किया है और भारत से बाहर जाने का कभी सपने में भी नहीं सोचा था। लेकिन आज वो ना केवल दुबई में हैं बल्कि लोगों की सहायता भी कर रहे हैं। उनके इस समाजसेवा के काम के चलते कई बार उनकी नौकरी भी खतरे में पड़ गयी, जब वो आफिस के समय में भी लोगों के एक फ़ोन से ही चले जाया करते हैं।
गिरीश ने उत्तराखंड आपदा में भी की थी लोगों की मदद
ज्ञात हो कि गिरीश पंत ने उत्तराखंड में आई 2013 आपदा में भी भाग लिया था और पहाड़ के कई लोगों को तुरंत भेजने का भी इंतजाम करवाया था। वो खुद भी कुमाऊं और गढ़वाल में लोगों की सहायता के लिए पहुंचे थे। गिरीश की खासियत ये है कि वो जब लोगों को मुसीबत से निकालते हैं तो केवल इंसानियत देखते हैं किसी का धर्म-जाति नहीं। वो सालों से यूं ही अपने काम से लोगों का दिल जीत रहे हैं। उन्हें ऐसा करने में बहुत अच्छा लगता है सुखद अनुभव का एहसास होता है।