राष्ट्रीय

2-3 फीसदी लोगों का 70 फीसदी प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा : शिवराज

भोपाल, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि दुनिया में अमीरी-गरीबी का अंतर काफी बढ़ रहा है, जिसका असर शांति पर पड़ा है, शांति के लिए जरूरी है कि अमीरी-गरीबी के बीच के अंतर को कम से कम किया जाए। दो-तीन प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनका 70 फीसदी प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा है। मध्यप्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा मंगलवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि मुख्यमंत्री चौहान अमेरिका के प्रवास के दौरान वाशिंगटन डीसी में रसेल सीनेट हल में भारतीय दूतावास के सहयोग से फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडिया डायस्पोरा स्टडीज (यूएसए) द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय फोरम के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए समाज की स्थिति का जिक्र किया।

चौहान ने कहा, विश्व में बढ़ रही भौतिकवादी प्रवृत्ति से अमीरी और गरीबी का अंतर काफी बढ़ गया है। इससे मनुष्य की आंतरिक शक्ति और शांति छिन्न-भिन्न हो गई है। वैश्विक समाज में एकरूपता लाने के लिए जरूरी है कि अमीरी-गरीबी के बीच के अंतर को कम से कम किया जाए।

उन्होंने कहा कि दुनिया में दो-तीन प्रतिशत लोगों ने 70 प्रतिशत से ज्यादा प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार कर लिया है। गरीब लोग संसाधनों से दूर हो गए हैं। मध्यप्रदेश में गरीबों को संसाधनों से संपन्न बनाने के लिए कई रणनीतियां, नीतियां और कार्यक्रम बनाए गए हैं। सभी प्रयास और नवाचार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के दर्शन से प्रेरित हैं।

चौहान ने आगे कहा, पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के सिंद्धात से प्रेरणा लेकर अमेरिका सहित संपूर्ण विश्व के सामने वर्तमान में व्याप्त ग्लोबल वार्मिग, गरीबी, बेरोजगारी, भौतिकवाद से उत्पन्न, ड्रग्स, महिला उत्पीड़न और असमानता जैसी चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकता है।

कार्यक्रम में अमेरिकी सीनेट के सदस्यों राजा कृष्णमूर्ति, पीटे ओलसन और राम माधव सहित 200 से अधिक विशिष्टजन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने पंडित उपाध्याय के एकात्म मानववाद के दर्शन की व्याख्या करते हुए कहा कि मानवता और मनुष्य के लिए केवल भौतिक समृद्धि पर्याप्त नहीं है। पंडित उपाध्याय के जन्म शताब्दी वर्ष पर गरीब कल्याण एजेंडे पर तेजी से अमल किया जा रहा है।

चौहान ने राज्य में चल रही योजनाओं और गरीबी को कम करने के लिए चल रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश दुनिया में संभवत: पहला उदाहरण है, जहां पांच वर्षो से कृषि विकास दर लगातार 20 प्रतिशत कायम है। ऊंची विकास दर हासिल करने के बावजूद यदि गरीब तबके का विकास न हो, तो समाज सुखी नहीं रह सकता।

चौहान ने मध्यप्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए किए गए प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा कि अब बेटियों को बोझ नहीं माना जाता। लाडली लक्ष्मी योजना ने लोगों की मानसिकता बदली है। महिलाओं को स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। सरकारी नौकरियों में शिक्षकों के पद पर युवतियों को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, वहीं अन्य विभागों में 33 प्रतिशत आरक्षण है।

मुख्यमंत्री ने कहा, भौतिकता की अग्नि में दग्ध मानवता को शाश्वत शांति का दिग्दर्शन केवल एकात्म मानव दर्शन से हो सकता है। प्रकृति के हर अंग में एक ही चेतना है। इसी दर्शन से ग्लोबल वार्मिग और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं का समाधान निकल सकता है।

चौहान ने विश्व के सबसे बड़े नदी संरक्षण अभियान नर्मदा सेवा यात्रा की चर्चा करते हुए बताया, एक दिन में ही नदी के दोनों किनारों पर सात करोड़ से ज्यादा पौधों का रोपण किया गया, ताकि नदी जीवंत बनी रहे, ताकि प्रकृति की आराधना सबसे बड़ा धर्म है।

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