कभी खुदकुशी करने जा रहे नवाजुद्दीन ने वेट्रेस के साथ गुजारी थी रात
मुंबई। एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपनी बायोग्राफी ‘एन ऑर्डिनेरी लाइफ’ में अपनी जिंदगी के कई निजी रहस्यों से पर्दे उठाए हैं। इन राजों से पर्दा उठने के बाद से चारों तरफ उन्हीं का जिक्र हो रहा हैं।
फिल्म ‘मिस लवली’ में उनकी को-स्टार रहीं निहारिका सिंह और अपने अफेयर के खुलासे के अलावा नवाज ने कई लड़कियों के बारे में किताब में खुलकर कहा है। उन्होंने खुदकुशी के खयाल से लेकर एक वेट्रेस के साथ रात बिताने तक की बातें, बेझिझक
कही हैं।
किताब में नवाज ने पहली मोहब्बत से लेकर एक वेट्रेस के साथ वन नाइट स्टैंड तक की बात कबूली है। उन्होंने लिखा है कि कैसे जब उनकी गर्लफ्रेंड उन्हें छोड़कर चली गई और तब उन्हें आत्महत्या का भी खयाल आया था।
इतना ही नहीं, यही वो समय था जब उन्होंने तय किया कि वह किसी लड़की के लिए कभी सीरियस नहीं होंगे। यह बात नवाज के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के दिनों के बाद की है।
ऐसे पड़े इश्क में
मुंबई के एक थियेटर में परफॉर्म कर रहे थे जब वो पहली बार किसी के प्यार में फना हुए। लड़की का नाम सुनीता था। वो अक्सर मीरा रोड पर बने नवाज के घर आती थीं। अपने प्यार के किस्से वो नवाज के घर की दीवारों पर कुरेदा करती थीं। दोनों की जिंदगी हंसी-खुशी बीत रही थी तभी वो पल आया जिसने दोनों को हमेशा के लिए जुदा कर दिया।
सुनीता कुछ दिनों के लिए अपने घर चली गईं। जब वो लौटीं तो नवाज से कटने लगीं। नवाज पागलों की तरह उन्हें दिन-रात फोन करते लेकिन वो उनका फोन नहीं उठाती थीं।
एक बार जब सुनीता ने नवाज का फोन उठाया और फिर जो कहा, उसे सुनते ही नवाज पर जैसे बिजली गिर गई। सुनीता ने नवाज से सभी रिश्ते खत्म करते हुए कहा कि ‘नवाज, तुम अपने करियर पर ध्यान दो, मैं अपने करियर पर ध्यान दूंगी।’ और बस यो चंद लफ्ज कहते ही सुनीता ने फोन काट दिया।
सुनीता की बेवफाई ने नवाज को अंदर तक तोड़ दिया। वह डिप्रेशन में चले गए। दीवारों पर सुनीता की कुरेदी गई उनके प्यार की निशानी अब उन्हें दिलो दिमाग को कचोट रही थी। उन्होंने उन दीवारों से सभी निशान तो मिटा दिए लेकिन दिल पर पड़े निशान उन्हें अब भी टीस दे रहे थे।
एक दिन जब वो स्टेशन पर खड़े थे तो उन्हें आत्महत्या तक का खयाल आया। नवाज ने लिखा है– ‘ट्रेन आने वाली थी। मैं पटरियों को देख रहा था। क्या मैं कूद कर सबकुछ खत्म कर दूं? ये जिंदगी, ये संघर्ष? मेरे पास कुछ भी नहीं है, न प्यार, न पैसा, न काम।’
नवाज आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाने ही जा रहे थे कि उनके अंदर से आवाज आई। जैसे किसी ने थप्पड़ मारकर जगा दिया हो।
‘तुम्हें मालूम है कि ये तुम्हारा डिपार्टमेंट नहीं है। फिर क्यों? इस रास्ते आखिर क्यों जा रहे हो?’ नवाज ने उस दिन स्टेशन पर खड़े होकर खुद से एक वादा किया, कि वो किसी भी रिलेशनशिप में भावुक नहीं होंगे। शायद यही कारण रहा कि उनके आगे के सभी रिलेशन में लड़कियों ने उनपर इस्तेमाल करने के आरोप लगाए।
वेट्रेस के साथ एक रात गुजारी
नवाज न्यूयॉर्क के एक रेस्टोरेंट में बैठे थे। एक खूबसूरत वेट्रेस काफी देर से उन्हें घूरे जा रही थी। फिर आखिर में वो उनके पास आई और पूछा कि क्या वो एक एक्टर हैं?
विदेश में पहचाने जाने पर नवाज खुश हो गए और उन्होंने वेट्रेस से पूछा’ ‘आपने मेरी कौन सी फिल्म देखी है? ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर।’ वेट्रेस ने साफ मना कर दिया।
वेट्रेस ने कहा कि उसने नवाज की दूसरी फिल्म देखी है ‘लंचबॉक्स’। इसके बाद दोनों में बातें शुरू हो गईं। घंटों बात करने के बाद दोनों होटल के एक कमरे में चले गए। नवाज ने किताब में आगे लिखा है कि ‘आगे जो भी हुआ उसे न्यूयॉर्क में ही छोड़ देना बेहतर है।’