गुजरात रिश्वतखोरी : कांग्रेस ने अदालत की निगरानी में जांच की मांग की
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तरी गुजरात के एक पाटीदार नेता द्वारा भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने पर 1 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के आरोप पर कांग्रेस ने सोमवार को मामले की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की है।
कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि हार्दिक पटेल की अगुवाई वाली पाटीदार अनामत आन्दोलन समिति (पीएएएस) के नेता नरेंद्र पटेल ने कहा था कि भाजपा ने उन्हें 1 करोड़ रुपये की रिश्वत देकर खरीदने का प्रयास किया था और 10 लाख रुपये अग्रिम दिए थे।
तिवारी ने कहा कि भ्रष्टाचार का आरोप ‘काफी गंभीर’ है और नरेंद्र पटेल का कहना है कि गुजरात भाजपा के अध्यक्ष जितुभाई वघानी दोषी हैं।
तिवारी ने कहा, इस पर प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष को प्रतिक्रिया देनी चाहिए। गुजरात भाजपा के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। गुजरात उच्च न्यायालय के सेवारत न्यायाधीश के अंतर्गत जांच होनी चाहिए। अगर यह नहीं किया जाता है तो आनेवाले समय में गुजरात चुनाव की पवित्रता पर सवाल उठेंगे।
उन्होंने कहा कि यह जांच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए जरूरी है, क्योंकि खुद उनकी पार्टी के नेताओं पर आरोप लगाए गए हैं।
तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा गुजरात में भाजपा शासन के विरोध की अगुवाई करने वालों में ‘दरार’ डालना चाहती है।
तिवारी ने कहा कि एक दूसरे पटेल नेता निखिल सावानी भाजपा में शामिल होने के कुछ ही दिन बाद उससे निकल गए।
उन्होंने कहा कि इस साल के शुरू में हुए राज्य सभा चुनावों के दौरान भी कांग्रेस विधायकों द्वारा ‘भ्रष्टाचार के आरोप’ लगाए गए थे।
उन्होंने कहा, कांग्रेसी विधायकों को मजबूर किया गया, उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की गई। राज्य और केंद्र सरकार के हर साधन का इस्तेमाल किया गया और भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने इसका दुरुपयोग किया। आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य एजेंसियों को उस रिसार्ट पर छापेमारी के लिए लगाया गया, जहां विधायक अपने आप को बचाने के लिए रुके थे।
तिवारी ने कहा कि अंत में सत्य की जीत हुई और भाजपा को राज्य सभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।