मुस्लिम महिलाओं ने की आरती तो इस्लाम से कर दिया गया खारिज
नई दिल्ली। बनारस में दीपावली के मौके पर कुछ मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्री राम की तस्वीर के सामने आरती की थी और दीए सजाकर उनकी पूजा की थी, जिसपर अब बवाल मच गया है। दारुल उलूम देवबंद के मौलानाओं ने ऐसे महिलाओं की आलोचना करते हुए उन्हें मुस्लिम मानने से इंकार कर दिया है।
दारुल उलूम का तर्क है कि इस्लाम में जिसने अल्लाह के अतिरिक्त किसी के भी आगे अपना सिर झुकाया या पूजा की तो वह मुसलमान नहीं रहता। देवबंद ने कहा कि इस्लाम में यह साफ लिखा है कि मुसलमान सिर्फ अल्लाह को मानता है। इसके अलावा किसी और की उपासना नहीं कर सकता है।
बता दें कि दीपावली के मौके पर वाराणसी में कुछ मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्री राम की तस्वीर के सामने आरती की थी और दीए सजाकर उनकी पूजा की थी। इस आरती का नेतृत्व नाजनीन अंसारी ने किया था। उनका कहना था कि मैं संस्कृति और हिंदू-मुस्लिम के सामाजिक एकीकरण के लिए काम करती हूं। इसलिए इस तरह के आयोजन में शामिल होती हूं।
इससे पहले दारुल उलूम ने फतवा जारी कर महिलाओं के सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर पोस्ट करने को गैर इस्लामी करार दिया था। दारुल उलूम का कहना था कि महिला का अपनी तस्वीरें फेसबुक, ट्वीटर या किसी अन्य सोशल साइट्स पर डालना इस्लाम के खिलाफ है।