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विश्व कौशल स्पर्धा में भारत को एक रजत, एक कांस्य सहित 11 पदक

नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)| जब देश दिवाली त्योहार मना रहा था, तो अबु धाबी में आयोजित विश्व कौशल प्रतिस्पर्धा 2017 में भारतीय दल ने इतिहास रच दिया।

स्पर्धा में पहली बार भारत एक रजत (मोहित दुदेजा), एक कांस्य (किरन सुधाकर) और उत्कृष्टता के लिए नौ पदक जीतने में सफलता प्राप्त की। इस तरह भारत की झोली में कुल 11 पदक आए। अबु धाबी में 44वें विश्व कौशल प्रतिस्पर्धा में कुल 51 तरह की प्रतिस्पर्धा का आयोजन 15 से 18 अक्टूबर के बीच किया गया, जिसमें 59 देशों के 1300 प्रतिस्पर्धियों ने भाग लिया। इसमें कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के तहत आने वाले राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की अगुवाई में 28 प्रतिभागियों के दल ने 26 श्रेणियों में हिस्सा लिया था।

दिल्ली के मोहित दुदेजा ने पेस्ट्री और मिठाई खंड में चीन, स्विटजरलैंड, कनाडा, कोरिया और ब्रिटेन के प्रतिस्पर्धियों को हराकर रजत पदक जीता, जबकि कर्नाटक की किरन ने प्रोटोटाइप मॉडलिंग में ब्राजील, रूस, जर्मनी और स्विटरलैंड के प्रतिस्पर्धियों को हराकर कास्य पदक जीतने में सफलता प्राप्त की। मैक्ट्रोनिक्स, ब्रिक-लेइंग, रेस्टोरेंट सर्विस, वाहन प्रौद्योगिकी, आभूषण, ग्राफिक डिजायन प्रौद्योगिकी, मोबाइल रोबोटिक्स, ब्यूटी थेरेपी और कार पेंटिंग श्रेणियों में 9 पदक प्राप्त हुए।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धमेंद्र प्रधान ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा, कौशल की इस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में यह देश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। यह गर्व का बड़ा क्षण है। कौशल में किसी व्यक्ति को, समाज को, देश को और दुनिया को बदलने की क्षमता है। कौशल हमारे सपनों का नया भारत बनाएगा।

भारतीय दल के आधिकारिक प्रतिनिधि राजेश अग्रवाल ने कहा, अगले विश्व कौशल प्रतिस्पर्धा के लिए हमारी तैयारियां जल्द शुरू हो जाएगी और मैं ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इसमें भाग लेने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने का सम्मान प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।

एनएसडीसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनीष कुमार ने कहा, हमने एक बार फिर राष्ट्र के युवाओं की क्षमता और जूनून को साबित किया है। हमारे विजेता अन्य को भी प्रेरणा देंगे जिससे वे व्यावसायिक प्रशिक्षण को मुख्य धारा के कैरियर विकल्प के रूप में चुन सकें।

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