‘सीबीआई करे अवैध जीएम कपास बीजों की जांच’
नागपुर (महाराष्ट्र), 20 अक्टूबर (आईएएनएस)| महाराष्ट्र सरकार के एक विशेष कार्यबल ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह कपास उगाने वाले राज्यों में अवैध जीएम कपास बीजों की 35 लाख पैकेट की बिक्री के मामले की जांच सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) से करवाए। आईएएनएस में 19 अक्टूबर को प्रकाशित खबर जिसका शीर्षक ‘अवैध कपास बीजों का व्यापक प्रयोग कानून के उल्लंघन के प्रति आधिकारिक सहिष्णुता को दर्शाता’ है, पर प्रतिक्रिया देते हुए वसंतराव नाइक शेटी स्वावलंबन मिशन के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने कहा कि नई दिल्ली के दक्षिण एशिया बॉयोटेक्नोलॉजी केंद्र (एसएबीसी) ने भी कहा है कि विभिन्न राज्यों में ऐसे करीब 4.72 करोड़ पैकेट बेचे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और मध्य प्रदेश शामिल हैं, जहां करीब 8,50,000 हेक्टयेर में कपास की खेती की जाती है। यह देश की कुल कपास की खेती का 7 फीसदी है। यहां अवैध एचटी (हर्बिसाइड टोलरेंट) हाइब्रिड कपास (जीन रूपांतरित कपास के बीज) की खेती की जा रही है।
तिवारी ने आईएएनएस को बताया, यह बहुत चौंकाने वाला खुलासा है। जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (जीईएसी), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान (सीआईसीआर) को इसकी जांच करनी चाहिए, क्योंकि अवैध बिक्री की जांच करने के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होंने बताया कि संबंधित राज्यों, केंद्र सरकार और अन्य एजेंसियों की जानकारी में इस बात को लाने के बावजूद अवैध एचटी कपास बीजों की बिक्री जारी है।
इससे पहले महाराष्ट्र के कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडाकार ने एचटी जीनरूपांतरित कपास बीजों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।