स्टालिन ने उप राष्ट्रपति से निष्पक्ष रहने का आग्रह किया
चेन्नई, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)| एक किताब विमोचन समारोह के दौरान उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू की टिप्पणी को ‘स्तब्ध करने वाला’ बताते हुए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के कार्यकारी अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने मंगलवार को उप राष्ट्रपति से गैर-पक्षपातपूर्ण रहने और भविष्य में राजनीतिक प्रचार के लिए राजभवन का उपयोग नहीं करने का आग्रह किया।
स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु के पूर्व राज्यपाल सी. विद्यासागर राव द्वारा लिखित पुस्तक ‘दोज इवेंटफुल डेज’ के विमोचन के मौके पर सोमवार को नायडू द्वारा दिए गए भाषण से लोगों के मन में कई सारे प्रश्न उठ रहे हैं।
स्टालिन ने एक बयान में कहा, मैं सम्मानीय उप राष्ट्रपति के तमिलनाडु के प्रति प्यार और सम्मान के लिए धन्यवाद कहना चाहता हूं, साथ ही मैं यह उम्मीद करता हूं कि उप राष्ट्रपति अपने शब्द पर कायम रहेंगे कि वह गैर पक्षपात पूर्ण रहेंगे और आने वाले दिनों में राजभवन का प्रयोग राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं करेंगे।
डीएमके नेता ने कहा भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता नायडू से यह सुनना काफी परेशान करने वाला है कि ‘अम्मा (दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता) के वादों को पूरा करना तमिलनाडु सरकार की जिम्मेदारी है और एक बार सरकार के बहुमत के साथ चुने जाने पर लोगों के पास पांच सालों के बाद जाना चाहिए और कोई भी यह उम्मीद नहीं कर सकता कि राज्यपाल भारतीय संविधान का अपमान कर सकता है।’
स्टालिन ने कहा कि उप राष्ट्रपति को अपने शब्दों पर दोबारा गौर करना चाहिए और समारोह के दौरान अपने कहे गए शब्दों के टोन और संकेतों पर विचार करना चाहिए।
विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने नायडू के बयान को ‘स्तब्ध करने वाला’ बताते हुए कि यह बयान ऐसे समय दिया गया है जब एआईएडीएमके के 18 विधायकों के निष्कासन का मामला उच्च न्यायालय में लंबित है।
स्टालिन ने कहा, उप राष्ट्रपति की ओर से इस तरह के भ्रामक बयान से दल-बदल विरोधी कानून और ऐसे विचार कमजोर होते हैं जिनमें कहा जाता है कि सरकार को संविधान के मुताबिक चलना चाहिए।