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अचानक एफटीआईआई पहुंचे अनुपम खेर

पुणे, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के नवनियुक्त अध्यक्ष अनुपम खेर सोमवार को अचानक, बिना किसी पूर्व सूचना के संस्थान के परिसर में पहुंचे और छात्रों से कहा कि वह उनके साथ हैं।

सोशल मीडिया पर एक लाइव वीडियो में अनुपम खेर ने खुलासा किया कि वह एफटीआईआई के रास्ते में हैं। जब वह संस्थान की सड़कों पर आगे बढ़े तो उन्हें वहां गार्ड, छात्र और प्राध्यापक देखकर चौंक गए। खेर 40 वर्ष पहले यहां के छात्र रह चुके हैं।

अनुपम ने कहा, मैं उस संस्थान की तरफ बढ़ रहा हूं जहां मैंने 1978 में पढ़ाई की थी और यह एक अभिनेता के तौर पर विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण था। मैंने इस संस्थान में किसी को भी मेरे आने की सूचना नहीं दी है, क्योंकि मैं दोबारा छात्र के रूप में यहां आना चाहता हूं।

अनुपम खेर (62) ने कहा, मैं वहां खुद को खास महसूस करते हुए नहीं जा रहा हूं, यह महसूस नहीं करते हुए कि ओह गॉड, अबतक मैंने 508 फिल्में कर ली हैं और सिनेमा में मैंने 33 वर्ष का सफर तय कर लिया है या यह कि मैंने 120 से ज्यादा नाटक कर लिए हैं। मैं वहां केवल एक विनम्र छात्र के तौर पर जाना चाहता हूं।

अनुपम खेर को 11 अक्टूबर को एफटीआईआई का नया अध्यक्ष बनाया गया था। वह गजेंद्र चौहान का स्थान लेंगे, जिन्हें 2014 में संस्थान का अध्यक्ष बनाया गया था, जिसके बाद छात्रों ने उनकी नियुक्ति के विरुद्ध प्रदर्शन किए थे।

अनुपम ने संस्थान में प्रवेश करने के साथ ही गार्ड, कुछ छात्रों और एक अध्यापक से मुलाकात की। अनुपम का वहां एक खास तरह के ‘वेलकम बैंड’ से सामना भी हुआ। यह वास्तव में, हाथों में बैनर लिए प्रदर्शन कर रहा छात्रों का समूह था। बैनर पर लिखा था, ’12 घंटे की शिफ्ट अमानवीय है।’

यह नौ में से एक मुद्दा है जिसके बारे में अनुपम खेर की नियुक्ति के बाद खुले पत्र के जरिये एफटीआईआई छात्र एसोसिएशन ने उन्हें लिखा था।

अनुपम ने छात्रों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वह छात्रों के साथ मिलकर मुद्दा सुलझाएंगे।

अनुपम ने कहा, हम इसपर काम करेंगे। मैं यहां आपका साथ देने आया हूं। यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है।

इस दौरान एक छात्र लगातर ड्रम बजाता रहा।

उन्होंने कहा, सबसे पहले, आप सभी को यह जानना चाहिए कि मैं पूरी तरह से आपकी तरफ हूं। मैं यहां अनुपम खेर का कोई भार लेकर नहीं आया हूं। मैं यहां हूं क्योंकि मैंने पिछले कुछ वर्षो में जो कुछ किया है वह यहां छह महीने बिताने की वजह से किया है। समस्या के बारे में चिंतित न हों क्योंकि मैं जानता हूं कि जो भी छात्र यहां आए हैं, पढ़ाई के लिए आए हैं ताकी वे अपना भविष्य बना सकें जब यहां से वापस जाएं।

उन्होंने कहा कि आप सभी समाज में योगदान करने वाले हैं, भविष्य हैं, फिल्म निर्माता, अभिनेता हैं। इसलिए इन समस्याओं को सुलझाते हैं और इन मुद्दों पर काम करते हैं।

उन्होंने छात्रों को अपने प्रसिद्ध नाटक के शीर्षक ‘कुछ भी हो सकता है’ से शांत कराने की कोशिश की।

उन्होंने कहा, मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि जहां मैंने पढ़ा था, मैं वहीं पढ़ाउंगा।

अनुपम खेर मुंबई में खुद एक एक्टिंग संस्थान ‘एक्टर प्रीपेएर्स’ चलाते हैं।

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