बड़ी प्रतियोगिताओं की मेजबानी के दरवाजे भारत के लिए खुले है: सेप्पी
कोलकाता, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत द्वारा 2019 फीफा अंडर-20 विश्व कप की मेजबानी की औपराचिक दावेदारी पेश करने के बाद रविवार को फीफा अंडर-17 विश्व कप के टूर्नामेंट निदेशक स्थानीय आयोजन समिति (एलओसी) के निदेशक जेवियर सेप्पी ने कहा कि भविष्य में भारत के लिए बड़ी फुटबाल प्रतियोगिताओं की मेजाबानी के दरवाजे खुले हैं।
अंडर-17 विश्व कप अभी भारत में ही हो रहा है। भारत पहली बार किसी फीफा टूर्नामेंट का मेजबान बना है।
सेप्पी ने संवाददाताओं से शनिवार को कहा, विश्व कप का 66 प्रतिशत हिस्सा समाप्त हो गया है। अभी 16 मैच बचे हुए है और प्रतिक्रिया अद्भुत रही है। 36 मैचों के बाद दर्शकों की संख्या 2011 विश्व कप से भी ज्यादा रही है।
सेप्पी ने कहा कि भारत के मैचों में दर्शकों की औसतन संख्या 49,000 रही है।
भारत के अंडर-20 वश्वि कप की मेजबानी की संभावनाओं पर सेप्पी ने कहा, हम 2017 में यहां हुए यूथ टूनार्मेंट में दर्शकों की संख्या को देख रहे है। अभीतक यह संख्या चिली में हुए पूरे टूर्नामेंट से दोगुनी है।
सेप्पी ने कहा, मैं समझता हूं कि 36 मैचों की मेजबानी करने के बाद भविष्य में भारत द्वारा बड़ी फुटबाल प्रतियोगिताओं की मेजाबानी करने के संकेत साकारात्कम है ..आप नहीं जानते मुझे दुनिया भर फुटबाल से जुड़े कितने लोग फोन करके कहते है कि टीवी पर यह शानदार लग रहा है।
अंडर-17 प्रतियोगित की मेजबानी के कर रहे 6 स्थानों के अलावा अन्य स्थानों का निरीक्षण करने के सवाल पर सेप्पी ने कहा, देश को अगर अंडर-20 विश्व कप या अन्य विश्व कप के लिए बोली लगानी है..मैं समझता हूं कि देश में अन्य सुविधाएं भी आ रही है जोकि देश को आगे पहुंचाने में मदद करेगी।
सेप्पी ने कहा, उदहारण के लिए अहमदाबाद, पुणे। फिर त्रिवेंद्रम , जमशेदपुर और चेन्नई जहां आईएसएल के मैच भी होने है।
सेप्पी ने आगे कहा, मैं समझता हूं कि सुविधाओं को कैसे बनाए रखना है इसका एक खाका सरकार के लिए भी तैयार किया गया है। कलिंगा स्टेडियम (भुवनेश्वर) भी एशियाई एथलेटिक्स के लिए अच्छा है। अंडर-17 विश्व कप के लिए तैयार किए गए 26 प्रशिक्षण स्थल भी वहां मौजूद हैं।
उन्होंने कहा, पुणे के डीएसके में भी शानदार सुविधाएं हैं। इस विश्व कप की मेजबानी कर रहे 6 स्थानों के अलावा भी विकल्प मौजुद है।
सेप्पी ने अबतक हुए विश्व कप के बारे में कहां, विश्व कप से पहले हमारे ऊपर बहुत दवाब था। हमे पहले हुए प्रतियोगिताओं के बारे में पता था और हम उसे दोहराना नहीं चाहते थे।