रजामंदी से सेक्स में ब्रेस्ट दबाने को कोर्ट ने माना अपराध, सुनाई बड़ी सजा
नई दिल्ली। कोर्ट ने 37 साल के मेडिकल ग्रेजुएट को सेक्स के दौरान लड़की के ब्रेस्ट को ‘ज्यादा जोर’ से दबाने की वजह से यौन शोषण का दोषी पाया है।
हालांकि सेक्स दोनों सहमति से कर रहे थे लेकिन इसके बावजूद कोर्ट ने माना कि ब्रेस्ट दबाना हिंसात्मक कृत्य है।
मामला जर्सी आइसलैंड का है। यहां फ्लिप क्यूरे टिंडर की मुलाकात ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए लड़की से हुई थी।
इसके बाद से दोनों के बीच सेक्स होने लग गया। कोर्ट ने पाया कि फ्लिप के बार बार मना करने के बावजूद और लड़की की मर्जी के खिलाफ जाकर उसके ब्रेस्ट को जोर से दबाया। साथ ही सेक्स के दौरान लड़की के बाल भी खींचे।
पीड़ित लड़की ने अपनी शिकायत में बताया था ‘सेक्स के दौरान फ्लिप ने हिंसा की और उसने मेरे ब्रेस्ट को बेहद क्रूर तरीके से दबाया। ये इतना बुरा था कि मैं दर्द से तड़प उठी और रोने लगी। ऐसे में मैंने उससे कहा कि वो सेक्स के दौरान मेरे ब्रेस्ट को हाथ नहीं लगाएगा।’
लड़की ने बताया कि फ्लिप को सख्ती से बताने के बाद भी वो सेक्स के दौरान उसके बाल नहीं पकड़ेगा और ब्रेस्ट नहीं दबाएगा।
उसने लगातार जबरदस्ती की और इसे दोहराया, जबकि वो लगातार बताती रही कि ये उसके लिए असहनीय दर्द देने वाला है। इसके बाद लड़की ने इसकी शिकायत की तो मामला कोर्ट जा पहुंचा।
मामले में जर्सी के मजिस्ट्रेट कोर्ट ने युवक को दोषी पाया था जिसके खिलाफ अपील की गई थी, लेकिन कोर्ट ने पाया कि फ्लिप ने गलत किया है। कोर्ट ने पाया कि ये एक शोषण है।
कोर्ट ने माना कि लड़की की मर्जी के बिना वो ऐसा नहीं कर सकता। भले ही ये सेक्स के दौरान हो। कोर्ट ने उसे 5 साल के लिए सेक्स ऑफेंडर के तौर पर रजिस्टर करने की बात कही है। साथ ही उस पर 2000 पाउंड (करीब 1 लाख 72 हजार रुपए) का जुर्माना यानी फाइन भी लगाया है। यहां तक कि वो 5 साल तक पीड़ित लड़की से संपर्क भी नहीं कर सकेगा।