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सर्वोच्च न्यायालय का पटाखा प्रतिबंध पर राहत से इंकार

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस) सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने संबंधी नौ अक्टूबर के अपने फैसले को बदलने से शुक्रवार को इंकार कर दिया और इस आदेश को सांप्रदायिक रंग दिए जाने पर नाखुशी जाहिर की।

न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी ने कहा, हम यह सुनकर बेहद दुखी हैं कि कुछ लोग हमारे आदेश को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं। कोई भी जो मुझे जानता है उसे पता है कि इन मामलों में मैं बहुत धार्मिक व्यक्ति हूं।

अदालत ने यह टिप्पणी वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण द्वारा भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली इकाई के प्रवक्ता की ओर से दिए गए बयान पर ध्यान दिलाने के बाद दिया। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा था कि वे पटाखे खरीदेंगे और बच्चों को मुफ्त में बाटेंगे।

पीठ ने भूषण से कहा, कोई राजनीति नहीं।

पटाखों पर लगे प्रतिबंध पर समीक्षा करने से इंकार करते हुए न्यायमूर्ति सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने कहा, हम किसी बहस में नहीं पड़ने वाले हैं और किसी भी प्रकार की धार्मिक विवेचना से हमारा प्रतिबंध आदेश प्रभावित नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि अदालत किसी को दिवाली उत्सव मनाने से नहीं रोक रहा है।

अदालत ने एक याचिकाकर्ता का हवाला देते हुए कहा कि दिवाली न सिर्फ हिंदू, बल्कि जैन व सिख भी मनाते हैं।

सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदूषण रोकने के प्रयास के तहत दिवाली के दौरान दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने का सोमवार को आदेश दिया था।

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