धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर प्रतिबंध पर सरकार से जवाब तलब
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र, दिल्ली सरकार एवं पुलिस से शुक्रवार को धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने संबंधी मांग वाली याचिका के मद्देनजर जवाब तलब किया है।
याचिका में कहा गया है कि इससे धार्मिक स्थलों के आसपास रहने वाले लोगों की गोपनीयता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है। अदालत ने अधिकार कार्यकर्ता संजीव कुमार की याचिका पर संबंधित पक्षों को 29 जनवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि लाउडस्पीकर नागरिकों की शारीरिक और मानसिक शांति और एकांत स्थान का उल्लंघन करते हैं इसलिए यह गोपनीयता के मौलिक अधिकार का अतिक्रमण है। उन्होंने आगे कहा कि लाउडस्पीकर कभी धर्म का हिस्सा नहीं रहे।
संजीव कुमार ने कहा कि 1924 में पहली बार लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया गया था और उन पर प्रतिबंध भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 या 26 का उल्लंघन नहीं करेगा।
याचिका में कहा गया, लाउडस्पीकर का उपयोग निश्चित रूप से नागरिकों का दूसरों के साथ बोलने का, पढ़ने या सोचने और सोने का अधिकार छीन लेता है। वहां कुछ हृदय रोगी हो सकते हैं या तंत्रिका विकार से पीड़ित लोग जिन्हें ध्वनि प्रदूषण के इस गंभीर प्रभाव को सहन करने के लिए मजबूर होना पड़ता है और इसका उन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे बच्चे भी प्रभावित होते है।
सर्वोच्च न्यायालय की नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने अगस्त में कहा कि गोपनीयता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत एक मौलिक अधिकार है।
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर का उपयोग अतिक्रमण और गोपनीयता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है।