राष्ट्रीय

सामाजिक हस्तियों का आह्वान, ‘मनाएं प्रदूषण मुक्त दिवाली’

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिवाली के आसपास वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंचने विशेषकर दिल्ली में चिंताजनक रूप से बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तरों ने पर्यावरण के प्रति जागरूक कुछ प्रमुख हस्तियों, चिकित्सकों एवं सामाजिक रूप से प्रभावशाली लोगों को एक साथ एक मंच पर लाया और उन्होंने प्रदूषक मुक्त दिवाली मनाने का आह्वान किया। ‘माईराइटटूब्रेथ’ अभियान में इन हस्तियों ने सरकार के साथ-साथ जनता से भी अगली पीढ़ी के लिए प्रदूषण मुक्त स्वच्छ हवा तैयार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया है। स्वच्छ हवा में सांस लेना हमारा संवैधानिक अधिकार है।

‘माईराइटटूब्रेथ’ समारोह में बुधवार को प्रमुख श्वास रोग विशेषज्ञों और जानी-मानी हस्तियों ने हिस्सा लिया और चर्चा में भाग लिया। उन्होंने शहरों में खासकर त्योहारी मौसम में प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंचने पर चिंता जाहिर करने के साथ-साथ पर्वो को परंपरागत तथा सुरक्षित तरीके से मनाने की आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया।

इस कार्यक्रम में विराट कोहली, कपिल देव, रोहित शर्मा, आशीष नेहरा, वीरेंद्र सहवाग, नीना गुप्ता तथा अर्जुन नागपाल जैसी नामी हस्तियों ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करके पटाखामुक्त दीवाली का समर्थन किया है, ताकि लोगों में जागरूकता फैले और वह उनकी अपील पर अमल करें।

हर साल त्योहारी मौसम में दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में धुएं की मोटी परतें देखने को मिलती हैं। इससे कणिका तत्व में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है और बच्चों व बुजुर्गो को सांस लेने में दिक्कत होती है। यहां तक कि उन्हें दमा के दौरे पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। हर साल दिवाली के वक्त प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ने और वायु की गुणवत्ता पर उसके बुरे असर के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय ने पिछली 9 अक्टूबर को दिल्ली तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक नवम्बर 2017 तक पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं।

इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले वक्ताओं में अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनुपम सिब्बल, सर गंगा राम अस्पताल के मुख्य थोरैसिक (छाती रोग) सर्जन अरविंद कुमार, सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ श्वासरोग विशेषज्ञ नीरज जैन और एम्स के श्वासरोग विभाग के निदेशक रणदीप गुलेरिया शामिल थे।

इन सभी ने लोगों से पौधे लगाने, मिट्टी के दीपकों का उपयोग करने, पर्यावरण के प्रति मित्रवत रंगों से रंगोली बनाने और परंपरागत तैलीय दीपकों का इस्तेमाल करने व बिजली की झालरों के बजाए मोमबत्ती जलाने जैसे पारंपरिक तरीकों से दिवाली मनाने का आग्रह किया।

पैनल में शामिल वक्ता और पेशे से वकील गोपाल शंकरनारायण ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल 12 सूत्रीय विस्तृत याचिका के बारे में बताते हुए ईंधन संबंधी नियमों तथा सिद्धांतों को अपनाने की आवश्यकता जाहिर की। उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार को दिल्ली में परिवहन व्यवस्था को पर्यावरण के लिहाज से स्वच्छ बनाने के लिए इलेक्ट्रिक सिटी बसें चलानी चाहिए।

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