देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री में हाईकोर्ट आज सुना सकता है फैसला
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाई कोर्ट नोएडा के बहुचर्चित आरुषि एवं हेमराज हत्याकांड के मामले में सीबीआई अदालत के फैसले के खिलाफ राजेश तलवार और नुपुर तलवार की अपील पर आज फैसला सुना सकता है।
गाजियाबाद स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने आरुषि हत्याकांड में 26 नवंबर, 2013 को राजेश और नुपुर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इससे एक दिन पहले ही दोनों को दोषी ठहराया गया था। आरुषि इनकी बेटी थी। इस हत्याकांड के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने आरुषि के माता-पिता राजेश और नुपुर को ही दोषी माना था।
न्यायमूर्ति बीके नारायण और न्यायमूर्ति एके मिश्रा की खंडपीठ ने तलवार दंपति की अपील पर सात सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और फैसला सुनाने की तारीख 12 अक्टूबर को तय की थी। फिलहाल राजेश व नुपुर गाजियाबाद की डासना जेल में सजा काट रहे हैं।
ज्ञात हो कि मई 2008 में तलवार दंपति के आवास के अन्दर आरुषि मृत पाई गई थी। उसकी गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। शुरू में शक की सुई 45 साल के हेमराज की तरफ गई, लेकिन बाद में घर की छत से पुलिस ने उसका शव भी बरामद किया था।
जानें आरुषि हत्याकांड केस में कब क्या हुआ?
-16 मई 2008- डॉ. राजेश तलवार की 14 साल की बेटी आरुषि और उनके नौकर हेमराज की हत्या।
-18 मई 2008- पड़ोसी की छत से हेमराज का शव बरामद।
-23 मई 2008- आरुषि के पिता राजेश तलवार गिरफ़्तार।
-24 मई 2008- यूपी पुलिस ने राजेश तलवार को मुख्य अभियुक्त माना।
-29 मई 2008- मुख्यमन्त्री मायावती ने सीबीआई जांच की सिफारिश की।
-जून 2008- सीबीआई ने जांच शुरू कर एफ़आईआर दर्ज़ की।
-12 जुलाई 2008- सबूतों के अभाव में राजेश तलवार को रिहा किया गया।
-सितम्बर 2008- सबूतों के अभाव में राजेश तलवार के सहायक और दो नौकरों को भी रिहा कर दिया गया।
-9 फऱवरी 2009- तलवार दम्पति पर हत्या का मुकदमा दर्ज।
-जनवरी 2010- राजेश और नूपुर के नार्को टेस्ट की इजाजत मिली।
-दिसम्बर 2010- 30 महीने तक चली जाँच के बाद सीबीआई ने अदालत को क्लोजऱ रिपोर्ट सौंपी।
-25 जनवरी 2011- नए सिरे से जांच की मांग को लेकर राजेश तलवार पर कोर्ट परिसर में हमला हुआ।
-12 अप्रैल 2011- नूपुर की जमानत पर सुनवाई से उच्चतम न्यायालय ने मना कर दिया।
-6 जनवरी 2012- उच्चतम न्यायालय ने तलवार दम्पति पर मुक़दमा चलाने का आदेश दिया।
-30 अप्रैल 2012- नूपुर तलवार को भी गिरफ़्तार किया गया।
-जून 2012- अदालत के निर्देश पर फिर से सुनवाई शुरू हुई।
-25 सितम्बर 2012- नूपुर तलवार की रिहाई का आदेश जारी हुआ।
-24 अप्रैल 2013- सीबीआई ने राजेश तलवार पर हत्या का आरोप लगाया।
-11 जून 2013- गवाहों के बयान दर्ज होना शुरू किये गये।
-12 नवम्बर 2013- मुकदमें की अन्तिम सुनवाई पूर्ण हुई।
-25 नवम्बर 2013- नूपुर एवं राजेश तलवार को अपनी पुत्री आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या का दोषी करार दिया गया।
26 नवम्बर 2013- नूपुर एवं राजेश तलवार को उम्रक़ैद की सजा।