अचला बंसल लिखित ‘बहरहाल धन्यवाद’ का लोकार्पण
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| अचला बंसल के कहानी संग्रह ‘बहरहाल धन्यवाद’ का बुधवार को ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर में वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने लोकार्पण किया।
यह अचला बंसल की अग्रेजी किताब ‘थैंक्स एनीवे’ का हिंदी अनुवाद है जिसका अनुवाद अचला बंसल की बहन मृदुला गर्ग, रचनाकार प्रियदर्शन व स्मिता ने किया है तथा राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। ‘बहरहाल धन्यवाद’ की शीर्षक कहानी एक 29 वर्षीय महिला और 78 वर्षीय बुजर्ग के रिश्ते पर है जिसके कारण महिला के अपने रिश्ते समाज में खराब हो जाते हैं, उस महिला का बुजर्ग से यह अनोखा रिश्ता दोस्ती, प्यार या कुछ और है, महिला का पति भी समझ नहीं पाता और महिला एवं उसके पति में इस रिश्ते पर बहस होती रहती है।
अचला बंसल ने अपनी कहानियों में भारतीय समाज और मन के उन कोनों की पड़ताल की है जहां कई बार भारतीय भाषाओं के लेखक भी जाने से चूक जाते हैं। वे उन गिने-चुने अंग्रेजी लेखकों में हैं जिन्हें पढ़ने से पता चलता है कि भारतीय अंग्रेजी लेखन अपनी दुनिया को सिर्फ विदेशी निगाह से नहीं देखता।
अचला बंसल, अंग्रेजी की सम्मानित लेखिका हैं। उनकी कहानियां देश-विदेश की पत्रिकाओं में ससम्मान छपती रही हैं। अंग्रेजी में उनके चार कहानी-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। ‘वन्स ए इयर इट्स मार्च’, ‘ऐस अपोन किंग’, ‘चैकमेट’ और 2016 में प्रकाशित ‘आई कॉन्टेक्ट’।
लोकार्पण के अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने कहा, हमारे यहां महिला लेखक कम हैं। इसलिए महिला लेखकों की किताब जब आती हैं तो बहुत ही सौभाग्य महसूस होता है। अनुवाद में वह चीज नहीं आना मुश्किल होता है जो मूल में है। अचला जी की किताब के अनुवादक खुद लेखक हैं इसलिए उसे सफलता से रखा है। किताब तो श्रेष्ठ है ही, अनुवाद भी इसकी एक उप्लब्धि है।