शिवराज केरल के बदले मप्र के लोगों की चिंता करें : कांग्रेस
भोपाल, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केरल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े कार्यकर्ताओं की हो रही हत्याओं के विरोध में निकाली जा रही जनरक्षा यात्रा में हिस्सा लेने गए हैं। कांग्रेस ने चौहान से सवाल किया है कि मध्यप्रदेश में सरेआम सरकार के संरक्षण और नीतियों के कारण संकट में घिरे जनों की रक्षा करने के लिए वह कब चेतेंगे। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा, केरल में जन की नहीं आरएसएस और भाजपा के लोगों की रक्षा करने की जो यात्रा निकल रही है, उसमें मुख्यमंत्री चौहान किस नैतिक बल के साथ शामिल हो रहे हैं। वे जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, उसमें 126 दिनों में 126 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। हर दिन एक किसान आत्महत्या कर रहा है।
उन्होंने कहा, खुद मुख्यमंत्री का जिला सीहोर किसानों द्वारा आत्महत्या करने के मामले में प्रदेश में अव्वल है। इन जनों की रक्षा कौन करेगा। कुपोषण से प्रदेश में जनवरी, 2016 से जनवरी, 2017 तक लगभग 30 हजार बच्चों की मौत हुई है। इस मामले में देश में दूसरे नंबर पर प्रदेश है। 1,200 करोड़ रुपये का पोषण आहार बांटने के बाद भी 1000 में से 51 बच्चे एक साल की उम्र भी पूरी नहीं कर पाते हैं। इनकी रक्षा कौन करेगा?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, राज्य में मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। रेत माफिया को रोकते हैं तो वे सरेआम तंत्र के लोगों को मार डालते हैं। मंदसौर में छह किसानों की छाती पर पुलिस द्वारा गोली चलाने से मौत हो गई। टीकमगढ़ में किसानों के आंदोलन करने पर उन्हें थाने में नंगा किया गया। इन दोनों मामलों में आज तक दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सिंह ने कहा, सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई, गुजरात के हित में बढ़ाने से राज्य के ढाई लाख परिवार बेघर हो गए, बड़वानी में आंख के ऑपरेशन में कई लोगों की आंख फूट गई, नरसिंहपुर में 300 से अधिक महिलाओं को कोख विहीन कर दिया, इनकी रक्षा कौन करेगा? अस्पतालों में इलाज नहीं, डॉक्टर नहीं, महाकौशल में 3,000 से अधिक बेटियां गायब हैं, शिशु मृत्यु दर, महिलाओं पर हिंसा, बेटियों की अस्मत को खतरा सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में है।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री चौहान से सवाल किया है कि केरल के जन नहीं भाजपा और आरएसएस के लोगों की उन्हें इतनी चिंता है तो फिर मध्यप्रदेश के जन उनके लिए कौन हैं, जिनकी चिंता मुख्यमंत्री को नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अगर वाकई में जनता की रक्षा के लिए चिंतित हैं तो उन्हें केरल जाने के बजाए सबसे पहले उस राज्य के जनों की रक्षा और इसके लिए यात्रा निकालनी चाहिए, जहां के वे मुख्यमंत्री हैं, जिन पर यहां के लोगों की रक्षा की जिम्मेदारी है।