प्रधानमंत्री के लिए यह परीक्षा की घड़ी : बाबरिया
भोपाल, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और मध्यप्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी का व्यापार एक साल में कथित तौर पर 16000 गुना हो जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए परीक्षा की घड़ी है, उन्हें मित्रता व दलगत राजनीति और सत्यता व नैतिकता में से एक को चुनना है। प्रभारी बनने के बाद पहली बार राज्य के प्रवास पर आए बाबरिया ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते थे ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ मगर जो अब सामने आया है, उससे पता चलता है कि उनके दल के अध्यक्ष के आंगन से ही गड़बड़ियां सामने आ रही हैं।
उन्होंने आगे कहा, देश ‘विकास की जय’ की प्रतीक्षा कर रहा था, मगर यकायक ‘जय का विकास’ हो गया। टेंपल इंटरप्राइजेज, जो अमित शाह की पत्नी, पुत्रवधू व पुत्र जय शाह की कंपनी है, ऐसा क्या व्यापार करती थी, जिसका एक साल के भीतर कारोबार 16000 गुना बढ़ गया। यह एक बड़ा सवाल है।
बाबरिया ने जय शाह की कंपनी की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा, जो कंपनी घाटे में चल रही हो और अचानक उसका कारोबार 16000 गुना हो जाए, यह समझ से परे है। इस पर आयकर विभाग को भी ध्यान देना चाहिए था कि बंद होने की कगार पर पहुंची कंपनी अचानक इतने मुनाफे में कैसे आ गई।
उन्होंने कहा, जय शाह की कंपनी का कार्यालय एक कमरे का था और उसका किराया 80 लाख रुपये दिखाया गया, आखिर उसमें ऐसा क्या था, जो इतना किराया बताया गया है? इस कंपनी के खातों में विदेशों से 51 करोड़ रुपये आए हैं। अमित शाह को बताना चाहिए कि विदेशों से यह राशि कैसे आई, मजे की बात यह है कि इस पर सरकारी एजेंसियों के कान खड़े नहीं हुए। किसी सामान्य व्यक्ति के खाते में इतनी राशि आती तो सभी एजेंसियां उसका जीना हराम कर देती।
बावरिया ने ऐसे लोगों द्वारा जय शाह की कंपनी को कर्ज दिए जाने का जिक्र किया, जो सोहराबुद्दीन व कौसर जहां मामले के आरोपी रहे हैं।
उन्होंने कहा, इसके अलावा मध्यप्रदेश सरकार ने जय शाह की कंपनी को बिजली क्षेत्र का कोई अनुभव न होते हुए भी रतलाम में पवन चक्की लगाने के लिए जमीन दे दी और इसमें जय शाह ने 15 करोड़ रुपये निवेश किए हैं।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भाजपा के अध्यक्षों और आर्थिक गड़बड़ियों के आरोपों का चोली-दामन का साथ रहा है। तीन भाजपा अध्यक्षों को संदेह के घेरे में आने पर पद छोड़ना पड़ा था। अमित शाह के बेटे की कंपनी तो सीधे तौर पर गड़बड़ियों से जुड़ी है, लिहाजा उन्हें तुरंत पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
बावरिया ने कहा, देश देख रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी क्या करते हैं, मित्रता को चुनते हैं या नैतिकता को। वह बगैर देरी किए इस मामले की निष्पक्ष जांच कराएं और शाह से इस्तीफा लें।
संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सहित कई अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।