मेट्रो किराया वृद्धि पर दिल्ली विधानसभा की समिति
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिल्ली में मेट्रो का किराया बढ़ाए जाने के बाद दिल्ली विधानसभा ने मंगलवार को एक नौ सदस्यीय समिति गठित करने का निर्णय लिया है, जो किराया वृद्धि के औचित्य को जांचेगी-परखेगी। विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल समिति के सदस्यों को नामित करेंगे, जो ‘डीएमआरसी के वित्तीय हालत और दूसरे मुद्दों’ को भी देखेगी।
समिति की नियुक्ति का निर्णय विधानसभा में किराया वृद्धि पर चर्चा के अंत में लिया गया।
आप नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती ने सदन में समिति का एक प्रस्ताव पेश किया, जिस पर अन्य सदस्यों ने सहमति व्यक्त की। 70 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ आप के 66 सदस्य हैं, जबकि शेष चार सदस्य भारतीय जनता पार्टी के हैं।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के कड़े विरोध के बावजूद इस साल मई में वृद्धि के बाद मंगलवार से दूसरी बार किराया बढ़ा दिया है।
सदन में चर्चा के दौरान आप विधायकों ने इस बढ़ोत्तरी को ‘ओला और उबर जैसी कंपनियों को फायदा पहुंचाने’ की एक साजिश करार दिया।
आप विधायक संजीव झा ने चर्चा की शुरुआत की और उन्होंन कहा कि वे विरोध प्रदर्शन के लिए तैयार हैं और बढ़ी कीमतों को वापस कराने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे।
उनके साथी सौरभ भारद्वाज ने बढ़ोत्तरी को ‘कैब संचालक ओला को मदद’ करने की एक साजिश करार दिया।
उन्होंने कहा, वर्तमान मेट्रो किराए की तुलना करें तो ओला शेयर करना अब ज्यादा सस्ता हो गया है।
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों ओला में अत्यधिक रुचि ली थी और ट्विटर पर उनके ड्राइवरों की भी प्रशंसा की थी।
सोमवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि किराया बढ़ता है तो टैक्सी संचालक ओला और उबर की सेवा सस्ती हो जाएगी और लोग मेट्रो सेवा का इस्तेमाल छोड़ देंगे।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और अन्य विधायकों ने भी मंगलवार को इसी तरह के विचार पेश किए।
आप की विधायक अल्का लांबा ने केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्र सरकार को ‘तानाशाह’ बताया और कहा कि आप सड़कों पर उतरेगी और केंद्र को किराया वापस लेने के लिए मजबूर करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यह बढ़ोत्तरी दिल्ली की सड़कों पर भीड़ बढ़ाने और कुछ भी हल करने के बजाय अधिक समस्या पैदा करने की साजिश है।
उन्होंने कहा कि आप सरकार ने एयरपोर्ट मेट्रो का किराया आधा कर दिया था, जिसके बाद मार्ग का राजस्व दोगुना हो गया था।
मंत्री ने कहा कि डीएमआरसी को अचल संपत्ति के विकास पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि कई डीएमआरसी बहुस्तरीय भवन खाली पड़े हुए हैं।
जैन ने कहा कि दिल्ली मेट्रो, सड़कों पर भीड़ को खत्म करने का एक ‘सामाजिक उपक्रम’ था, न कि एक व्यापारिक उद्यम।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक मंजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किराया निर्धारण समिति की रिपोर्ट को चार महीने तक दबा कर बैठे रहे और आखिरी वक्त पर उन्होंने उस पर ध्यान दिया। सिंह ने दावा किया कि केजरीवाल ओला और उबर की मदद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार जानबूझकर दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण को लटका रही है और कैब संचालकों की मदद कर रही है।