कालेधन के कारोबारियों पर ईडी का बड़ा हमला, करोड़ों की संपत्ति पर जमाया कब्जा
नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग और कालेधन को लेकर सरकार को भले कमजोर कहा गया हो, लेकिन शुक्रवार को सरकार ने इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मिली जानकारी के अनुसार ने मोहम्मद अयूब मीर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बता दें कि मीर के तार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है।
इतना ही ईडी ने फेमा (फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट) के तहत दिल्ली के दो हवाला कारोबारियों बेच राज बेंगानी और हरबंस सिंह को भी नोटिस भेजा गया है। दरअसल नोटबंदी के दौरान काले धन को सफेद करने में कई बैंक भी शामिल थे।
इसी के तहत ईडी ने एक्सिस बैंक के कर्मचारी नितिन गुप्ता समेत अन्य बैंक अधिकारियों की 8.47 करोड़ कीमत की संपत्ति जब्त कर ली है। वहीं इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को उस समय बड़ी कामयाबी मिली जब उसने मोहम्मद अली मीर को नई दिल्ली से दबोचा था।
पुलिस ने मीर को हरबंस सिंह से हवाला के 7 लाख रुपए लेते हुए पकड़ा था। माना जा रहा है कि इसी सूचना के आधार पर ईडी ने फेमा के तहत जांच शुरू कर दी थी। जांच के दौरान मीर ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ जुड़े होने की बात को मान लिया था।
वह आतंकी संगठनों के लिए हवाला के जरिए धनराशि इकठ्ठा कर रहा था। हरबंस सिंह ने भी लम्बी पूछताछ की इस बात का खुलासा हुआ कि वह बेच राज बेंगानी के निर्देश पर हवाला भुगतान करता था। इस बीच खबर यह भी है कि 13 बैंकों ने कुछ संदिग्ध लेन-देन की जानकारी केंद्र सरकार को पहले दी थी।
बता दें कि फर्जी कंपनियों के माध्यम से कालेधन को सफेद की जुगाड़ होती थी, जिसके बाद 2 लाख से ज्यादा कंपनियों पर रोक लगा दी गई है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्री पीपी चौधरी के अनुसार वैध कंपनियों को इस प्रक्रिया से कोई परेशानी नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि जो कंपनियां नियमों के विरुद्ध काम कर रही हैं, उनकी वजह से ही अन्य कंपनियों को परेशानी पेश आ रही है। कुल मिलाकर सरकार अब कालेधन को लेकर कड़ा रूख अपनाया। ऐसे में आने वाले दिनों में कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं।