भारत, यूरोप आतंकवाद से लड़ेंगे, मुक्त व्यापार पर बातचीत करेंगे
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करने और मुक्त व्यापार पर वार्ता बहाल करने पर सहमत हो गए। यहां आयोजित 14वें भारत-ईयू शिखर सम्मेलन में दोनों पक्षों ने आतंकवाद के खिलाफ एक संयुक्त घोषणा-पत्र को भी मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन-क्लाउड जंकर के साथ यहां प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने और इस संबंध में सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।
उन्होंने कहा, हम इस मुद्दे पर न सिर्फ द्विपक्षीय स्तर पर सहयोग करेंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूरोप लगातार भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है और 28 देशों का यह समूह भारत में सबसे बड़ा निवेशक भी है।
उन्होंने कहा, हम सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं हैं, और हम स्वाभाविक साझेदार हैं। हमारा रिश्ता लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन, मौलिक आजादी, और बहुसांस्कृतिक वाद पर आधारित है।
मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने एजेंडा 2020 और पिछले वर्ष ब्रसेल्स में हुई 13वीं भारत-ईयू शिखर बैठक में लिए अन्य निर्णयों की समीक्षा की।
स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन पर उन्होंने कहा कि भारत और ईयू 2015 के पेरिस समझौते से बाध्य हैं।
टस्क ने कहा कि भारत और ईयू दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और दोनों पक्ष रिश्ते का राजनीतिक पहलू विकसित करने पर सहमत हुए हैं।
टस्क ने कहा, हमने विदेशी आतंकी लड़ाकों, आतंकी फंडिंग और हथियारों की आपूर्ति द्वारा खड़ा हुए खतरे से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए आतंकवाद से मुकाबले के लिए एक संयुक्त घोषणा-पत्र को मंजूरी दी है। हम हिंद महासागर में और उसके आगे भी सुरक्षा सहयोग के लिए सहमत हुए हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने म्यांमार में रोहिंगया शरणार्थी संकट पर भी चर्चा की और राखिने राज्य से संबंधित सलाहकार आयोग की सिफारिशों को पूरी तरह लागू करने का आग्रह किया।
टस्क ने कहा कि भारत और ईयू के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता महत्वपूर्ण है।
उल्लेखनीय है कि भारत और ईयू के बीच एक व्यापक व्यापार एवं निवेश समझौता बीटीआईए 16 दौर की वार्ता के बावजूद 11 वर्षो से लटका पड़ा है।
जंकर ने कहा कि ईयू भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत के कुल व्यापार का 13 प्रतिशत ईयू के साथ होता है।
उन्होंने कहा कि एक मुक्त व्यापार समझौते का वक्त आ गया है, और शर्ते पूरी होने के साथ ही इसपर वार्ता फिर से शुरू हो जाएगी।
भारत और ईयू ने शुक्रवार की वार्ता के बाद तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें यूरोपीय आयोग और साइंस एवं इंजीनिरिंग रिसर्च बोर्ड के बीच भारतीय शोधार्थियों के लिए समझौता जिसे यूरोप में यूरोपीय अनुसंधान परिषद आयोजित करेगा, बेंगलुरू मेट्रो रेल परियोजना फेस-2 के लिए 30 करोड़ यूरो का वित्तीय ठेका जो यूरोपीय निवेश बैंक (ईआईबी) के कुल 50 करोड़ यूरो ऋण का हिस्सा है, और आईएसए के अंतरिम सचिवालय व ईआईबी के बीच एक संयुक्त घोषणा-पत्र शामिल हैं।
विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने यहां टस्क और जंकर से मुलाकात की।