राष्ट्रीय

‘सभी स्कूलों के लिए एक गाइडलाइंस बनाए न्यायालय’

पटना, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| हरियाणा के गुरुग्राम में रयान इंटरनेशन स्कूल में छात्र प्रद्युम्न की हत्या के बाद उसके परिवार को न्याय दिलाने और देश भर के स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था की मांग को लेकर न्यायिक लड़ाई लड़ रहे सर्वोच्च न्यायलय के वकील कमलेश कुमार मिश्र का कहना है कि न्यायालय को देश के सभी स्कूलों के लिए एक ‘गाइडलाइंस’ बनाना चाहिए।

अपने पैतृक गांव मधुबनी जिले के पट्टीटोल पहुंचे मिश्र ने आईएएनएस को बताया कि प्रद्युम्न की लड़ाई को लेकर देश के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा का मामला सर्वोच्च न्यायालय में उठाया गया है।

उन्होंने कहा, प्रद्युम्न की हत्या के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के सामने देश भर के स्कूलों में ‘सेफ्टी’ और ‘सुरक्षा’ का मुद्दा उठाया गया है और गाइडलाइंस तय करने की गुहार लगाई गई है।

सर्वोच्च न्यायालय में प्रद्युम्न के पिता बरुण ठाकुर का प्रतिनिधितव कर रहे वकील सुशील टेकरीवाल की टीम में शामिल मिश्र ने कहा कि देश भर के स्कूलों में अगर लापरवाही होती है तो उसके लिए स्कूल प्रबंधन की आपाराधिक और व्यापक जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।

मिश्र कहते हैं, कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘विशाखा गाइडलाइंस’ तय की गई हैं, तो फिर बच्चों के लिए स्कूलों में सुरक्षा को लेकर गाइडलाइंस क्यों नहीं तय की जा सकती हैं।

सर्वोच्च न्यायालय के वकील मिश्र कहते हैं कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा है कि रयान स्कूल प्रबंधन अगर अपने कर्तव्यों का निर्वहन सचेत होकर और ईमानदारी से करता तो गुरुग्राम के उस स्कूल में मासूम प्रद्युम्न की दुभाग्यपूर्ण हत्या टाली जा सकती थी। इससे तो यही साबित होता है कि स्कूल में ही कमी थी।

बिहार की चर्चा करते हुए मिश्र कहते हैं कि प्रद्युम्न की हत्या से बिहार और दिल्ली ही नहीं पूरे देश के स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है। उनका कहना है कि मिथिलांचल के लोग प्रद्युम्न की हत्या की घटना से अब तक उबर नहीं पाए हैं। यहां के लोग प्रद्युम्न को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्घ नजर आ रहे हैं।

मिश्र बताते हैं कि मिथिला क्षेत्र में सामाजिक कार्य में जुटी गैर सरकारी संस्था मिथिलालोक फाउंडेशन ने प्रद्युम्न के पिता को पूरी कानूनी सहायता प्रदान की है। उन्होंने बताया कि संस्था के चेयरमैन डॉ. बीरबल झा इस मामले को लेकर लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं।

झा यह भी कहते हैं कि पूरे देश के शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा आज मुख्य मुद्दा बना हुआ है। उनका कहना है कि आखिर रयान स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था के कारण ही मासूम प्रद्युम्न की जान चली गई।

ज्ञात हो कि सात वर्षीय प्रद्युम्न की आठ सितंबर को गुरुग्राम के भोंडसी इलाके में सोहना रोड स्थित रयान इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उसके पिता बरुण चंद्र ठाकुर इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय चले गए।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close