राष्ट्रीय

बिहार : सिमरिया गंगा तट पर कल्पवास मेला शुक्रवार से

बेगूसराय, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार के बेगूसराय जिले के सिमरिया में गंगा तट पर राजकीय कल्पवास मेला शुक्रवार से शुरू होगा। घाटों पर साधु, संतों, महात्माओं और श्रद्धालुओं का जमावड़ा अभी से लग गया है। इस मेले को लेकर जिला प्रशासन ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। मोक्षदायिनी उत्तर वाहिनी सिमरिया गंगा तट पर श्रद्धालु एक महीने तक पर्णकुटीर बनाकर रहेंगे और सुबह में गंगा में स्नान करेंगे। मान्यता है कि राजा विदेह के समय से ही सिमरिया गंगा नदी तट पर कल्पवास मेले की परंपरा चली आ रही है। तब से अब तक के बदलते परिवेश के बावजूद कल्पवासी कार्तिक माह में बालू के ढेर पर पर्णकुटीर बनाकर एक माह तक गंगा सेवन करते हैं।

इसी दौरान 17 अक्टूबर से तुलार्क महाकुंभ का आयोजन होगा। 17 अक्टूबर को तुलार्क महाकुंभ का ध्वजारोहण होगा और कुंभ क्षेत्र की पहली वृहद परिक्रमा की जाएगी।

इधर, इन आयोजनों को लेकर प्रशासन और कुंभ केंद्रीय समन्वय समिति ने तैयारी पूरी कर ली है। समन्वय समिति के मीडिया प्रभारी सुधांशु प्रकाश पाठक ने आईएएनएस को बताया कि कल्पवास मेले एवं तुलार्क महाकुंभ मेले के दौरान अब तक सिमरिया गंगा नदी तट पर हजारों तंबू लग गए हैं। अखिल भारतीय सर्वमंगला अध्यात्म योग विद्यापीठ में महाकुंभ की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि स्वामी चिदात्मन जी महाराज, रोवद्र ब्रह्माचारी जी के नेतृत्व में ज्ञानमंच का निर्माण कराया जा रहा है। जहां भागवत कथा, कार्तिक महात्म्य कथा का आयोजन किया जाएगा।

राजकीय कल्पवास मेले में कुंभ सेवा समिति द्वारा आयोजित की जानेवाली गंगा की महाआरती शुक्रवार से शुरू होकर देव-दीपावली तक चलेगी। इस बार गंगा महाआरती को भव्य रूप देने की कोशिश की गई है।

बेगूसराय के एक अधिकारी ने बताया कि राजकीय सिमरिया अल्पवास मेला का उद्घाटन शुक्रवार को राज्य के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा किया जाएगा।

बेगूसराय के जिलाधिकारी मोहम्मद नौशाद यूसुफ ने बताया कि सिमरिया घाट महाकुंभ में लाखों लोगों के आने की संभावना है। इसमें संत, महात्मा और विभिन्न अखाड़ों के प्रतिनिधि में भाग लेंगे।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष परिक्रमा पथ 1़50 किलोमीटर लंबी रखी गई है। 32 स्नान घाटों को दुरुस्त करने का काम जारी है।

कलक्टर ने बताया कि इस वर्ष 19 व 29 अक्टूबर और आठ नवंबर को शाही स्नान तय किया गया है। इसके अलावा 17 अक्टूबर, 25 अक्टूबर और सात नवंबर को परिक्रमा रखा गया है। महाकुंभ का समापन 16 नवंबर को होगा।

उन्होंने बताया कि इस मौके पर सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। इस कल्पवास क्षेत्र में सुरक्षा के दृष्टिकोण से 1800 पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है तथा चार अस्थायी थानों का निर्माण कराया गया है।

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