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अनाज घोटाले में 600 करोड़ की हेरा-फेरी में सरकार ने 22 अफसरों को हटाया

देहरादून। उत्तराखंड के सबसे बड़े अनाज घोटाले में लगातार खुलासे हो रहे हैं। खबर है कि सरकार ने इसके लिए कोई स्वतंत्र एजेंसी अथवा फिर आयोग गठित करने पर विचार कर रही है। इस मामले में सरकार ने कड़ा रूख अपनाते 22 अफसरों को भी हटा दिया है। सरकारी सूत्रों ने दावा किया है इस घोटाले में कई और बड़े नाम शामिल है।

आईआरडीटी ओडिटोरियम में बुधवार को एक कार्यक्रम में पहुंचे सूबे के सीएम त्रिवेंद्र रावत ने यह संकेत दिए हैं। सूबे की बीजेपी सरकार ने सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। हालांकि पूरा मामला प्रकाश में आने के बाद 18 से ज्यादा मार्केटिंग इंस्पेक्टरों को तुरंद हटा दिया गया है। इतना ही सरकार ने कड़ा रूख अपनाते हुए आयुक्त कार्यालय ने कुमाऊं संभाग से चार केंद्र्र प्रभारियों अरुण कुमार, भगवंत सिंह चौहान, मनोज मनराल और अभिनव कांडपाल को भी हटा दिया है।

त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि यह बहुत बड़ा घोटाला है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जिस तरह से गरीबों के राशन पर डकैती डाली गई, यह किसी तरह से क्षमा योग्य नहीं है। इस घपले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

सीएम के अनुसार इस घपले में अभी कई बड़े नाम सामने आने बाकी हैं। यह ऐसा घोटाला है जिसे सार्वजनिक मंच पर कहा नहीं जा सकता, लिहाजा सरकार इसकी जांच किसी एजेंसी या आयोग से कराने पर विचार कर रही है। हालांकि इस मामले में अभी किसी बड़े नाम का आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है। प्रमुख सचिव आनंदबर्द्धन ने इस मामले पर कहा कि जिनके एसएमओ और इंस्पेक्टरों के कार्यकाल में यह सब खेल हुआ था, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। कुल मिलाकर इस घोटाले में कितने लोग और शामिल है, यह जांच के बाद सामने आयेगा।

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