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क्लीयरटैक्स सॉफ्टवेयर के फीचर से कर भरना होगा आसान

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| देश में नई जीएसटी व्यवस्था के प्रभावी होने के बाद भारत की सबसे बड़ी आयकर रिटर्न्स ई-फाइलिंग व औद्योगिक अनुपालन सेवा प्रदाता कंपनी, क्लीयरटैक्स ने अपने जीएसटी सॉफ्टवेयर के साथ व्यापारियों के लिए अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल बनाना शुरू कर दिया है। कंपनी की तरफ से यहां जारी बयान के अनुसार, इस सॉफ्टवेयर में ऐसे फीचर की शुरुआत की गई है, जो व्यापारियों की आरक्षित कार्यशील पूंजी को काटे बिना क्रेडिट के समेकित प्रवाह को सुनिश्चित करने में उनकी मदद करेगा। क्लीयरटैक्स के जीएसटी सॉफ्टवेयर में जीएसटीआर-2ए फीचर का उपयोग करने वाले पंजीकृत डीलर्स यह सत्यापित कर सकते हैं कि उनके विक्रेताओं ने अपने जीएसटीआर-1 को ठीक से फाइल किया है या नहीं। और अगर नहीं किया है तो वे 10 अक्टूबर की अंतिम समय सीमा से पहले ऐसा कर सकते हैं।

बयान के अनुसार, जीएसटीआर-1 व्यापार के आउटपुट्स का रिटर्न है, जबकि जीएसटीआर-2 व्यापार के इनपुट्स का रिटर्न है। इनका मिलान करने से संबंधित समस्याओं में मदद करने के लिए सरकार ने जीएसटीआर-2ए शुरू किया है।

बयान में कहा गया है कि क्लीयरटैक्स का जीएसटी सॉफ्टवेयर व्यापारियों को ऐसी परिस्थितियों से बचाने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि विक्रेताओं द्वारा सही समय और उचित रूप से रिटर्न्स भर जाएं, ताकि कार्यशील पूंजी का प्रवाह न रुके। जीएसटी के कानून के अनुसार, एक व्यापारी द्वारा की गई बिक्री अन्य व्यापारी के लिए खरीददारी के रूप में दर्ज की जाती है। इनपुट्स पर टैक्स क्रेडिट का दावा किया जा सकता है, जहां जीएसटीआर-2 में आपकी खरीदी आपके विक्रेता के जीएसटीआर-1 में प्रकट होती है।

क्लियरटैक्स के सीईओ अर्चित गुप्ता ने कहा,इनपुट टैक्स क्रेडिट खोने से बचने के लिए यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि विक्रेता अपने रिटर्न्स समय से भरें। हमारा सॉफ्टवेयर इस परिस्थिति को रोकने में मदद करेगा, ताकि व्यापारी देरी का सामना न करें और उनका धन फंस न जाए।

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