बंगाल में कड़ी सुरक्षा के बीच मनाया गया आशुरा
कोलकाता, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| हल्की से भारी बारिश के बीच पश्चिम बंगाल में हजारों मुसलमानों ने ढोल बजाते और छाती पीटते हुए रविवार को विशाल जुलूस निकाले।
ये जुलूस इराक में 680 ईसवी में मुहर्रम के इस्लामी महीने के 10वें दिन हुई पैगंबर मोहम्मद के पोते इमाम हुसैन की शहादत का मातम मनाने के लिए निकाले जाते हैं। हजारों मुसलमानों ने यहां यौम-ए-आशुरा नामक दिन को मनाने के लिए यहां विभिन्न जगहों पर जुलूस निकाले। यह इस्लामिक कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण दिन है।
मुहर्रम को मातम का एक दिन माना जाता है और इस दिन मुसलमान स्वैच्छिक उपवास करते हैं, दान करते हैं और हुसैन की याद में प्रार्थना करते हैं।
पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मुहर्रम, विजयदशमी या दशहरा के बाद पड़ा है।
कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, इस जुलूस पर निगरानी रखने के लिए 7,000 से 8,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
पुलिस के अनुसार, ये जुलूस शहर के विभिन्न भागों में सुबह नौ बजे से शुरू होकर सोमवार सुबह तक जारी रहेंगे।
कोलकाता पुलिस नियंत्रण कक्ष के अधिकारी ने कहा, जुलूस के दौरान राजकुमार अनवर शाह रोड, बेलियाघाटा मेन रोड सहित कई सड़कों पर यातायात का रास्ता बदल दिया गया।
उन्होंने आगे कहा, स्थिति शांतिपूर्ण है और कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने शुरू में दोनों समुदायों के बीच किसी भी प्रकार की अशांति से बचने के लिए मुहर्रम के दिन दुर्गा मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए थे।
हालांकि, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के निर्देश को रद्द कर दिया और दशहरा के बाद सभी दिन मध्यरात्रि तक दुर्गा मूर्ति विसर्जन की अनुमति दे दी। उच्च न्यायालय ने प्रशासन से कहा कि दोनों समुदायों के जुलूसों को शांतिपूर्वक आयोजित करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय किए जाएं।
एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता पुलिस ने उन नदी के किनारों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है, जहां विसर्जन होंगे। उन्होंने आगे कहा कि अधिकांश प्रमुख समुदायिक पूजा पंडालों ने रविवार को देवी मूर्ति विसर्जन नहीं करने का निर्णय लिया है।