कमरे में बुलाकर बच्चियों से रेप करता था ये बाबा, बजा देता था तेज़ गाना ताकि बाहर न आए आवाज
नई दिल्ली। आसाराम, नारायण साईं, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम, नित्यानंद, और फलाहारी बाबा पर लगे रेप के आरोप जहां हिंदू धर्म के अनुयायियों का सिर नीचा कर रहे हैं, तो दूसरे धर्मों में भी पाखंडियों की कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में साल 2013 में गुलजार अहमद भट नाम के फर्जी बाबा को पुलिस ने गिरफ्तार किया। उस पर अपने मदरसे में चार छोटी लड़कियों का यौन उत्पीडऩ करने का आरोप था। हालांकि बाद में उसे निचली अदालत से जमानत मिल गई थी, जिस पर अब राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें बाबा गुलजार अहमद भट को बरी कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका स्वीकार करते हुए मामले पर जल्दी सुनवाई के आदेश दिये हैं। कोर्ट के इस फैसले से चारों बच्चियों को न्याय की उम्मीद जगी है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता आर बसंत और शोएब आलम ने अपनी दलील में कहा कि उच्च न्यायालय ने आरोपी को बरी करते समय महत्वपूर्ण तथ्यों पर गंभीरता से विचार नहीं किया है। राज्य सरकार की दलील में एफआइआर में हुई 5 महीने की देरी को आधार बनाया है जबकि ऐसे मामलों में देरी का अधिक महत्व नहीं होता। घटना के दिन ही पीडि़ता ने परिजनों को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी थी। बताया गया कि एफआइआर कराने में हुई देरी का सबसे बड़ा कारण यह रहा कि इस मामले में पहले परिजन धार्मिक गुरुओं और संस्थाओं के चक्कर लगाते रहे। सुप्रीम कोर्ट से कहा गया कि इस मामले में पीड़िताओं के बयान पूरी तरह से विश्वसनीय हैं और उनमे कोई भेद नहीं है। राज्य सरकार की ओर पेश की गई दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली।
मजिस्ट्रेट के सामने पीडि़ताओं द्वारा दर्ज कराए गए बयान के मुताबिक अपने आप को धर्म गुरु बताने वाला बाबा गुलजार अहमद भट संस्था में शिष्या लड़कियों को रात में अपने कमरे में बुलाता और उनके साथ रेप करता था। इस दौरान वह ऊंची आवाज में गाने बजाता था ताकि लड़कियों की आवाज कमरे से बाहर न जा सके। घटना के बाद वह डर दिखाकर बच्चियों को चुप करा देता था।