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भारतीय सेना ने लिखी शौर्य गाथा, 22 बच्चों को आतंकवादियों के चंगुल से छुड़ाया

नई दिल्ली। भारतीय सेना अपने देश में लगातार आतंकवादियों को मुंह तोड़ जवाब दे रही है, तो दूसरी तरफ अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी शौर्य और पराक्रम का परचम लहरा रही है।

यूनाइटेड नेशन ऑर्गेनाइजेशन मिशन के तहत डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ द कॉगो में तैनात भारतीय सेना के एक दल ने वीरता का परिचय देते हुए आतंकियों के कब्जे से 22 बच्चों को छुड़ाने में बड़ी सफलता हासिल की है।

भारतीय सेना को कॉगो के पूर्वी हिस्से में स्थित न्याबिआंडो गांव के 16 लड़कों और 6 लड़कियों को एक बड़े ऑपरेशन के बाद छुड़ाने में कामयाबी मिली है।

भारतीय सेना ने 48 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में तमाम बच्चों को आतंकवादियों से छुड़ाने में सफलता हासिल की है। जवानों ने 22 बच्चों को बाल आतंकी बनने से भी बचा लिया है।

सेना के अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना के दल ने इन बच्चों को यूनाइटेड नेशंस की चाइल्ड प्रोटेक्शन एजेंसी को सौंप दिया है।

यही नहीं, भारतीय सेना की एक अन्य बटालियन ने मिरकी इलाके में 200 परिवारों को पलायन करने से रोकने में सफलता हासिल की।

सेना के अधिकारी ने बताया कि प्रतिद्वंदी समूहों के बीच चल रही लड़ाई के बीच यहां तकरीबन 200 परिवार पलायन करने को मजबूर हो गए थे और पूरे इलाके में खौफ का माहौल था। लेकिन सेना की टुकड़ी ने इन लोगों को यहां से इन तमाम लड़ाका समूहों को बाहर करने में सफलता हासिल की।

मौजूदा समय में 2600 से भी अधिक भारतीय सैनिक यूएन के शांति मिशन के तहत तैनात हैं, जो यूएन के शांति मिशन का हिस्सा है। बता दें कि भारतीय सेना को मध्य अफ्रीकी देश के सबसे अस्थिर देश कहे जाने वाले उत्तर किवो में तैनाती मिली है।

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