राहुल गांधी ने जिस आदिवासी की बेटी की शादी करवाने का किया था वादा, लटक गई उस लड़की की शादी!
टीकमगढ़। टीकमगढ़ में एक आदिवासी युवती की शादी राजनीति मकड़जाल में फंसने के चलते नहीं हो पा रही है। वर्ष 2012 में इस शादी को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए थे।
वहीं, कोर्ट ने 5 भाजपा नेताओं के खिलाफ नाबालिग की शादी के तहत मामला दर्ज कर लिया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस आदिवासी के घर एक रात भी बिताई थी।
बुन्देलखंड का वह इलाका जहां आजादी के 71 साल बाद भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करते हैं। इस इलाके में 2008 में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने बुन्देलखंड का भ्रमण किया था।
टीकमगढ़ जिले के गांव टपरियन में आदिवासी बालादीन के घर जाकर रात बिताई थी। तभी बालादीन ने राहुल गांधी से बेटी के विवाह की बात कही थी।
तब राहुल गांधी ने इस आदिवासी बेटी की शादी कराने का भरोसा दिया था, लेकिन समय के साथ जब बर्ष 2011 तक बेटी के हाथ पीले नहीं हो सके तो पिता ने बेटी की शादी की गुहार भाजपा से लगाई। इस पर भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने गांव टपरियन का दौरा कर आदिवासी परिवार से मुलाकात की।
साथ ही बालादीन को भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के जरिए उसकी लड़की की शादी कराई जाएगी। इसके बाद 25 अप्रैल 2012 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आदेश पर तत्कालीन मंत्री हरिशंकर खटिक परिवार के साथ पहुंच गए और लड़की की शादी कराकर कन्यादान किया।
तब तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने राहुल गांधी के विवाह संबंधी वादे पर उंगली उठा दी थी। गांव टपरियन में रह रही युवती और उसके परिवारीजन कोर्ट के आदेश से अनजान हैं, वह तो कहते हैं कि उन लोगों ने हमारे साथ अच्छा किया था।
शादी के बाद दिग्विजय सिंह सरकार में आबकारी मंत्री रहे यादवेन्द्र सिंह बुन्देला ने लड़की अंगूरी देवी की अंकसूची के आधार पर नाबालिग बताया और दूल्हा रमेश की दूसरी शादी का आरोप लगाते हुए टीकमगढ़ जिला न्यायालय मे परिवाद दायर कर दिया था।
मामले की सुनवाई 5 साल चलने के बाद कल कोर्ट ने कन्यादान करने वाले तत्कालीन मंत्री हरिशंकर खटीक, तत्कालीन भाजपा जिला अध्यक्ष नंदकिशोर नापित, तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष राकेश गिरी, तत्कालीन बुंदेलखण्ड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप सिंह बेबीराजा सहित दूल्हे के पिता बालादीन आदिवासी पर बाल विवाह प्रतिषेध निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने जहां कोर्ट के आदेश को सही बताया है। वहीं, भाजपा के नेताओं ने हाईकोर्ट में जाने की बात कही है।
वर्ष 2008 मे राहुल गांधी के टपरियन गांव से आदिवासियों के नाम पर शुरू हुई राजनीति का अंत वर्ष 2017 मे हुआ। 9 सालों के दौरान जहां भाजपा ने कांग्रेस के राहुल गांधी पर आदिवासियों के साथ झूठ बोलने के आरोप लगाए तो वहीं कांग्रेस ने भी भाजपा पर खूब आरोप मढ़े। लेकिन इन दोनों दलों के बीच मोहरा बन कर खड़ी रही एक आदिवासी युवती।
जिस बेटी के हाथ पीले करने के लिए पिता ने कांग्रेस के युवराज से भीख मांगी थी। राहुल गांधी तो बाप की इस इच्छा और बेटी के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाए, लेकिन बीजेपी के इन नेताओं ने उस पिता की हसरत को पूरा कर दिया था। लेकिन कोर्ट ने लड़की के नाबालिग होने के कारण केस दर्ज
किया है।