बांग्लादेश में 470,000 रोहिंग्याओं को आश्रय की जरूरत : संयुक्त राष्ट्र
ढाका, 24 सितम्बर (आईएएनएस)| बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में कम से कम 470,000 रोहिंग्या लोगों को आश्रय की जरूरत है।
बांग्लादेश स्थित संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय ने रविवार को इस बात की जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र के इंटर सेक्टर कोऑर्डिनेशन ग्रुप की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 25 अगस्त के बाद से आए हुए शरणार्थियों की संख्या बढ़कर 436,000 हो गई है, हालांकि यह कहा गया कि बीते दो दिनों से सीमा पर इनके आने की रफ्तार धीमी हो गई है।
एफे समाचार एजेंसी ने संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है, अनुमानित 470,000 लोगों को आश्रय सहायता की आवश्यकता है। इसमें 25 अगस्त से पहले और बाद में आने वाले लोगों को शामिल किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार को शरणार्थियों की संख्या लगभग 429,000 बताई थी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब शरणार्थियों के काफी छोटे समूह ही बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्व जिले कॉक्स बाजार में आ रहे हैं, जहां पर अधिकांश रोहिंग्यां भाग कर आए हैं।
दस्तावेजों के अनुसार, अस्थायी बस्तियों में रहने वाले शरणार्थियों की संख्या 200,000 के आसपास है, जबकि लगभग 148,000 रोहिग्या पहले से बने शरणार्थी शिविरों में शरण लिए हुए हैं और 88,000 मेजबान समुदायों के साथ रह रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि शरणार्थी पहले ही बेहद मुश्किल परिस्थितियों में रह रहे थे। अब एक महीने से भी कम समय में भारी संख्या में शरणार्थियों के आने से शरणार्थियों की बस्तियों की समस्याएं बहुत अधिक बढ़ गई हैं।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है, रहने के कुछ ऐसे स्थान जो अचानक रूप से उभरे हैं, वहां पानी और स्वच्छता की सुविधा नहीं है, जिसके कारण बीमारी फैलने का खतरा पैदा हो रहा है।
बांग्लादेश की सरकार ने शिविरों में सहायता वितरित करने और बस्तियों में सड़कों का निर्माण करने के लिए सेना को नियुक्त किया है।
मुस्लिम अल्पसंख्यक रोहिग्याओं का पलायन 25 अगस्त से शुरू हुआ था। कई सरकारी चौकियों पर रोहिंग्या विद्रोहियों ने हमला कर दिया था जिसके बाद म्यांमार सेना ने क्षेत्र में एक आक्रामक अभियान शुरू किया।
गैर-सरकारी संगठनों ने मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा की है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने म्यांमार सरकार पर सेना के ऑपरेशन को रोकने के लिए दबाव बढ़ा दिया है।