मन की बात ने लोगों की संवेदनशीलता सरकार को महसूस कराई : मोदी
नई दिल्ली, 24 सितम्बर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनका मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ लोगों के मन और अभिव्यक्तियों को दर्शाता है।
मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम ने सरकार को लोगों की संवेदनशीलता का अहसास कराया है और उन्होंने कहा कि वह इसे राजनीतिक रंग से दूर रखते हैं।
उन्होंने कहा कि मन की बात ने तीन साल पूरे किए हैं और यह 36वीं कड़ी है। इसने मुझे देश की विभिन्न भावनाओं और सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ने, अपेक्षाओं और कई बार.. यहां तक कि शिकायतों से जुड़ने का एक अनोखा अवसर प्रदान किया है, जो उनके (लोगों के) मन में आते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, जब मैं मन की बात में बोलता हूं तो देश भर से लोग मुझे अपने विचार, अनुभव और भावनाओं को भेजते हैं। मैं शायद इन सभी बातों को आपको नहीं बता पाऊं, लेकिन अभी भी मुझे विचारों व सुझावों से भरा खजाना मिलता है।
मोदी ने कहा कि ज्यादातर सुझाव सरकार के कामकाज में सुधार लाने से संबंधित होते हैं।
उन्होंने कहा कि महीने में लोगों का वह आधा घंटा लेते हैं, लेकिन लोग अपने विचार व सुझाव और अन्य चीजें मन की बात को महीने के 30 दिन भेजते रहते हैं।
मोदी ने आचार्य विनोबा भावे को याद करते हुए कहा, मैंने हमेशा उनके एक वाक्य को याद रखा है। वह हमेशा कहा करते थे, ‘अ-सरकारी, असरकारी’ (गैर-सरकारी ज्यादा प्रभावी है)। मैंने इसे राजनीतिक रंग से दूर रखा है और व्यथा या गहमागहमी के द्वारा ध्यान भटकाने के बजाय इससे स्थिर चित्त के साथ जुड़ा हुआ हूं।
मोदी ने यह भी कहा कि उनका मानना है और उन्हें लगता है कि तीन साल होने के बाद सामाजिक वैज्ञानिक, विश्वविद्यालय, शोध विद्वान और मीडिया विशेषज्ञ इसका विश्लेषण करेंगे और इसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे।
उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि भविष्य में मन की बात के लिए यह बौद्धिकता उपयोगी साबित हो सकती है और इसमें नई ऊर्जा शामिल कर सकती है।