नई दिल्ली, 23 सितम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शनिवार को अंधेपन की रोकथाम संबंधी एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया, जिसमें सर्जरी के बजाए आंखों की देखभाल के लिए बगैर चीर-फाड़ वाली प्रौद्योगिकियों को बेहतर तरीके से अपनाने का आह्वान किया गया। बैजल ने सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कहा, आंख संबंधी समस्या जैसे मोतियाबिंद की सर्जरी में अधिक समय लगता है और टांके लगाए जाते हैं। लेकिन लेजर-लसीक सर्जरी जैसी नवीनतम तकनीक के आने से प्रक्रिया सुविधाजनक और बगैर चीर-फाड़ के हो जाती है।
उन्होंने कहा कि अपवर्तक सुधार प्रक्रिया ने देश में चश्मे का उपयोग कम कर दिया है।
नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक को अपना लेने पर चर्चा करने के लिए बैठक में दुनिया भर से एक हजार से ज्यादा शीर्ष नेत्र चिकित्सक अपनी भागीदारी करेंगे।
इस सम्मेलन का आयोजन इंट्राइकलर इम्प्लांट एंड रिफ्लेक्टिव सोसाइटी (आईआईआरएसआई) द्वारा किया गया है।
नेत्र प्रक्रियाओं में सर्जिकल परिणामों को बेहतर बनाने के लिए दुनिया के प्रमुख डॉक्टरों द्वारा सर्जिकल स्किल ट्रांसफर सत्र की प्रस्तुति का उद्देश्य उपायों और तकनीक को साझा करना है।
पद्मश्री पुरस्कार विजेता और आईआईआरएसआई की वैज्ञानिक समिति के अध्यक्ष और सेंटर फॉर साइट के प्रमुख महिपाल एस. सचदेव ने कहा,भारत की 11.2 प्रतिशत आबादी रोके जाने वाले अंधेपन से पीड़ित है, और दुनिया में अंधेपन के तीन मामलों में भारत एक का योगदान देता है। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसे युद्धस्तर पर उठाया जाना चाहिए।