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प्रद्युम्न हत्याकांड : पिता की मांग, 24 घंटे में जांच सीबीआई को सौंपें

नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)| गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सात साल के मासूम प्रद्युम्न ठाकुर की गला रेतकर हत्या कर दिए जाने के 14वें दिन शुक्रवार को शोकमग्न पिता बरुण चंद्र ठाकुर ने संबंधित सभी अधिकारियों से मामले की जांच 24 घंटे के भीतर सीबीआई को सौंपने की मांग की।

गुरुग्राम के भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की स्कूल के शौचालय में गला रेतकर हत्या कर दी गई थी।

हरियाणा सरकार द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद भी जांच शुरू होने में हो रही देरी को लेकर प्रद्युम्न के पिता बरुण व उनके वकील सुशील टेकरीवाल ने शुक्रवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन बुलाकर अपनी मांग उठाई।

बरुण ने कहा, जांच में पहले ही बहुत देरी की जा चुकी है। ऐसे में मैं सभी संबंधित अधिकारियों से अपील करता हूं कि वे सीबीआई को मामला सौंपने की औपचारिकताएं जल्द से जल्द पूरी कर लें और 24 घंटे के भीतर मामला सीबीआई को सौंप दें।

दिल्ली के फ्रेंड्स कालोनी में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में बरुण ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को ट्वीट कर उन तक अपनी भावनाएं पहुंचाई हैं और न्याय की मांग की है।

प्रद्युम्न के पिता को हालांकि अपने ट्वीटों पर अभी तक किसी की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

पीएमओ को किए गए पहले ट्वीट में बरुण ने प्रधानमंत्री से दिल दहला देने वाली प्रद्युम्न की नृशंस हत्या के मामले का संज्ञान लेने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि मामले को लेकर पूरा देश प्रधानमंत्री की तरफ उम्मीद लगाए है।

सुषमा स्वराज को किए अपने दूसरे ट्वीट में बरुण ने कहा है, मेरा मानना है कि एक मां के तौर पर आप प्रद्युम्न को न्याय दिलाने में पूरा प्रयास करेंगी, मैं आप से हाथ जोड़कर विनम्र प्रार्थना करता हूं।

इन दोनों ट्वीटों के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व मानव संसाधन विकास मंत्री को ट्वीट कर उम्मीद जताई कि प्रद्युम्न ठाकुर हत्या मामले में जल्द से जल्द सीबीआई जांच शुरू होगी।

प्रद्युम्न हत्याकांड के नौवें दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बरुण के घर सांत्वना देने पहुंचे थे, उन्होंने जांच सीबीआई को सौंपे जाने का भरोसा दिया था। फिर भी इसमें की जा रही देरी कई तरह के सवाल पैदा करती है। इस मामले में सरकार की चुप्पी कई तरह के संदेह भी पैदा कर रही है। ऐसे में सवाल यह है कि सरकार खामोशी साधकर कहीं रेयान इंटरनेशनल स्कूल के संस्थापक पिंटो परिवार को बचने का सुरक्षित रास्ता देने की कोशिश तो नहीं कर रही है!

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